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बूढ़ी काकी ने बेटे के बिना गुजारा जीवन

नार्थ जॉन कल्चर सेंटर (एनजेडसीसी) के साप्ताहिक मुंशी प्रेम चंद थिएटर फेस्टिवल में तीसरे दिन बूड़ी काकी नाटक का मंचन हुआ, जिसमें एक गरीब व बूढ़ी महिला की कहानी को दिखाया गया है ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 08:31 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 08:31 PM (IST)
बूढ़ी काकी ने बेटे के बिना गुजारा जीवन
बूढ़ी काकी ने बेटे के बिना गुजारा जीवन

जागरण संवाददाता, पटियाला

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नार्थ जॉन कल्चर सेंटर (एनजेडसीसी) के साप्ताहिक मुंशी प्रेम चंद थिएटर फेस्टिवल में तीसरे दिन बूड़ी काकी नाटक का मंचन हुआ, जिसमें एक गरीब व बूढ़ी महिला की कहानी को दिखाया गया है । कहानी में महिला का लड़का मर जाता है और वो किस तरह से अपना जीवन का निर्वाह करती है। सूत्रधार आजमगढ़ के अभिषेक पंडित के निर्देशन में मंचित इस नाटक में मंच पर डीडी संजय, रितेश, अंगद कश्यप, संदीप कुमार, डॉ. अलका ¨सह, ममता पंडित के कला का बखूबी प्रदर्शन किया जबकि स्टेज के पीछे खंजड़ी पर पुनीत यादव, अभिनव, ढोलक पर अजय यादव, संगीत निर्देशन शशिकांत कुमार, लाइट रणजीत कुमार, कास्टयूम ममता पंडित, सहायक निर्देशन अंगद कश्यप, मंच व्यवस्थापक का कार्य डीडी संजय ने संभाला । आज के समारोह में एनजैडसीसी के निर्देशक प्रो. सौभागय वर्धन ने मेहमानों का स्वागत किया । पंजाबी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर व पंजाबी फिल्मों की कलाकार सुनीता धीर ने बतौर खास मेहमान के तौर पर शिरकत की जबकि मंच का संचालन कमल किशोर कर रहे हैं ।


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