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बुलंदियां छूने वाले देशों ने अध्यापकों को दिया सबसे ऊंचा आर्थिक और सामाजिक रुतबा

अध्यापकों की ओर से पिछले 40 दिनों से वेतन कटौती के खिलाफ प्रदर्शन को समर्थन करते हुए डॉ. धर्मवीर गांधी ने शुक्रवार को पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अम¨रदर को पत्र लिखा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 05:33 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 05:33 PM (IST)
बुलंदियां छूने वाले देशों ने अध्यापकों को दिया सबसे ऊंचा आर्थिक और सामाजिक रुतबा
बुलंदियां छूने वाले देशों ने अध्यापकों को दिया सबसे ऊंचा आर्थिक और सामाजिक रुतबा

जागरण संवाददाता, पटियाला

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अध्यापकों की ओर से पिछले 40 दिनों से वेतन कटौती के खिलाफ प्रदर्शन को समर्थन करते हुए डॉ. धर्मवीर गांधी ने शुक्रवार को पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अम¨रदर को पत्र लिखा है। डॉ. गांधी की ओर से लिखे इसे पत्र में उन्होंने जहां सीएम से संघर्ष कर रहे अध्यापकों से बातचीत करके मामले को हल करने का आग्रह किया। वहीं कांग्रेस सरकार की ओर से मंत्री के लिए 80 करोड़ रुपये खर्च कर लग्जरी गाड़ियां खरीदने संबंधी भी चुटकी ली है। उन्होंने पत्र में लिखा कि अध्यापकों की ओर से वेतन कटौती के फैसले संबंधी अध्यापकों के संघर्ष से आप भली भांति अवगत हैं। संघर्ष कर रहे अध्यापकों ने मजबूरी में हड़ताल का रास्ता अख्तियार किया है। दुख की बात है कि एक तरफ तो सरकार अपने मंत्रियों-अफसरों की सुविधा के लिए 80 करोड़ की महंगी लग्जरी कारों पर अंधाधुंध पैसा खर्च करने से बिलकुल भी नहीं झिझक रही, अपने विधायकों और मंत्रियों के इनकम टैक्स तक खुद भर रही है। यहीं बस नहीं अफसरशाही की सुरक्षा पर भी काफी खर्च कर रही है। लेकिन दूसरी तरफ देश के भविष्य निर्माता अध्यापकों और देश का भविष्य बच्चों की जरूरतों की तरफ आंखें बंद करके बैठी है। पंजाब के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक हालत और क्या होगी?

डॉ. गांधी ने पत्र में लिखा कि अगर नशे, किसानी संकट और व्यापक बेरोजगारी की बात न भी करें तो आज पंजाब में अध्यापकों की ओर से वाजिब तनख्वाहों को लेकर किया जा रहा संघर्ष, आपकी पंजाब के बच्चों और विद्या के प्रति संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता की परीक्षा है। आपको ये मानना पड़ेगा कि पंजाब के बच्चों के भविष्य की ¨चता राज्य के मुख्यमंत्री से ज्यादा और किसी को नहीं हो सकती ।

डॉ. धर्मवीर ने लिखा कि इतिहास गवाह है कि दुनिया के जिन देशों ने तरक्कियों की बुलंदियों को छुआ है, उन्होंने समाज में अपने अध्यापकों को सबसे ऊंचा आर्थिक और सामाजिक रुतबा दिया है।


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