कच्चे व कांट्रैक्ट मुलाजिमों ने बर्तन खड़काकर निकाला रोष मार्च
रविवार को मिड-डे मील मील कुक, जंगलात, आशा वर्करों, मिड-डे मील दफ्तरी कर्मचारियों और ठेका अधारित मुलाजिमों ने नेहरू पार्क में जोनल रैली के दौरान एकजुट होकर लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता. पटियाला
रविवार को मिड-डे मील मील कुक, जंगलात, आशा वर्करों, मिड-डे मील दफ्तरी कर्मचारियों और ठेका अधारित मुलाजिमों ने नेहरू पार्क में जोनल रैली के दौरान एकजुट होकर लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान अध्यापकों व कर्मचारियों ने खाली बर्तन खड़काकर रोष व्यक्त करते हुए नेहरू पार्क से सीएम आवास की ओर रोष मार्च निकाला, लेकिन सीएम आवास से करीब 2 किलोमीटर पहले ही फव्वारा चौक से करीब 100 मीटर पहले पुलिस ने उन्हें रोक लिया। एसपी सिटी केसर ¨सह और तहसीलदार प्रवीन शर्मा ने उन्हें कच्चे मुलाजिमों की सब कमेटी और सेहत मंत्री ब्रह्मा मो¨हदरा के साथ अगले हफ्ते मी¨टग का आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म करवाया।
वहीं दूसरी ओर यूटी, पंजाब मुलाजिम और पेंशनर्स संघर्ष कमेटी की तरफ से 30 जनवरी को जिला स्तर पर किये जाने वाले प्रदर्शनों और फरवरी महीने के दौरान बजट सेशन में पंजाब विधानसभा का घेराव करने के तहत बड़ी संख्या में शमूलियत करने का एलान भी किया।
इस दौरान गुरमीत ¨सह सुक्खपुर, प्रवीण शर्मा, सुख¨वदर लील ने बताया कि चुनाव से पहले मान भत्ता, कच्चे और कांट्रैक्ट मुलाजिमों के साथ बड़े वादे करने वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार की तरफ से दो साल बीतने के बावजूद सार न लेने से खफा मुलाजिमों ने लोक सभा चुनाव के नजदीक राज्य में तीन जगह जोनल रैलियां करके पंजाब सरकार खिलाफ मोर्चा खोला है। वहीं कर्मचारियों और ठेका आधारित मुलाजिमों को संबोधन करते रू¨पदर गिल, रमनजीत संधू, गुरचरण डकौंदा, गुरजीत घग्गा, सितार मोहम्मद, कश्मीर बिल्ला, जसपाल कौर ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से मान भत्ते, कच्चे और कांट्रेक्ट मुलाजिमों के मसलों को हल करने की बजाय संघर्षों को साथ दबाने की नीति अपनाकर लोग विरोधी किरदार का दिखावा किया जा रहा है। जोनल रैली करने उपरांत मुलाजिमों ने पटियाला शहर में रोष मार्च निकालते सरकार की मुलाजिम विरोधी नीतियों खिलाफ रोष प्रदर्शन भी किया।
ये हैं मांगें
-- मान भत्ते पर काम कर रही आशा वर्करों, मिड-डे-मील वर्करों, सफाई वर्करों और आंगनवाड़ी हेल्परों को न्यूनतम वेतन के कानून मुताबिक 8857 रुपए वेतन दिलाना
-- आशा फैसिलिटेटरों, आंगनवाड़ी वर्करों, जंगलात वर्करों, मिड-डे-मील मैनेजरों, हर तरह के कच्चे , कांट्रैक्ट अध्यापकों और अन्य विभागों के कच्चे और कांट्रैक्ट मुलाजिमों को फुल सकेल पर रेगुलर करवाना
-- एसएसए, रमसा अध्यापकों की वेतन कटौती रद्द करके पूरी तनख्वाह पर रेगुलर करवाना और संघर्ष दौरान हुए टर्मिनेशनें, सस्पेंशनें और तबादले रद्द करवाना
-- मिड-डे-मील वर्करों को 10 महीने की बजाय 12 महीनो की तनख्वाह दिलाना।
बॉक्स
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए 4 जिलों के 1500 कर्मचारी तैनात
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहता था क्योंकि पिछले दिनों अध्यापकों द्वारा सीएम आवास तक पहुंच गए थे। इसलिए इस प्रदर्शन के लिए पुलिस की पूरी तैयारी थी। इन कर्मचारियों को रोकने के लिए पुलिस ने चार जिलों के करीब 1500 पुलिस मुलाजिम तैनात किए थे। जिसमें 3 डीएसपी और बड़ी संख्या में महिला पुलिस को भी तैनात किया गया था।