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छोटी बारादरी की सड़कें खस्ताहाल, जनता बेहाल

छोटी बारादरी में बनी सड़कें भी खस्ता हाल हो चुकी हैं। इससे आम पब्लिक काफी परेशान है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 07:25 PM (IST)
छोटी बारादरी की सड़कें खस्ताहाल, जनता बेहाल
छोटी बारादरी की सड़कें खस्ताहाल, जनता बेहाल

जागरण संवाददाता, पटियाला

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छोटी बारादरी में बनी सड़कें भी खस्ता हाल हो चुकी हैं। इससे आम पब्लिक काफी परेशान है। बता दें कि इस मार्ग पर कई बैंक, इंस्टीट्यूट स्थित हैं। वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ी कार मार्केट भी मौजूद है। यहां रोजाना हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना है। मगर नगर निगम ने सड़कों के सुधार के लिए कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए गए। जानकारी के अनुसार पिछले लंबे समय से छोटी बारादरी की सड़कें खस्ता हाल हैं। सूत्र बताते हैं कि इन सड़कों के सुधार के लिए मार्केट के दुकानदार निगम अधिकारियों से मिल चुके हैं। संडे मार्केट भी लगी हैं यहां

जानकारी के अनुसार यहां छोटी बारादरी में हर रविवार को यहां सबसे बड़ी संडे मार्केट लगती है। इस मार्केट में खरीद-फरोख्त के लिए काफी संख्या में लोगों का आना-जाना है। सड़कों की हालत खस्ता होने के कारण रविवार को धूल मिट्टी की परेशानी ज्यादा होती है। वहीं दूसरी ओर इन सड़कों पर बारिश के मौसम बरसात का पानी खड़ा हो जाता है। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। मगर प्रशासनिक अधिकारियों ने पब्लिक की इस समस्या को हल करने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया। सड़कें खस्ताहाल, पड़ चुके हैं गड्ढे

--छोटी बारादरी में सड़कों की हालत काफी खस्ता हो चुकी है। यहां बड़े- बड़े गड्डे पड़ चुके हैं। जिसके चलते वाहन चालक को इन सड़कों से गुजरना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा शहर की अंदरूनी सड़कों की हालत भी खस्ता ही है। जिला प्रशासन को चाहिए कि जहां शहर की प्रमुख सड़कों ही हालत सुधारी जा रही है, इसके अलावा यहां इन सड़कों की हालत भी सुधारी जाए।

-दर्शन कुमार

बारिश के दिनों में सड़कों पर जमा हो जाता है पानी

--कई बार यहां छोटी बारादरी से गुजरना पड़ता है। पर सड़कों की खस्ता हालत को लेकर काफी परेशानी होती है। बारिश के दिनों में हो यहां बरसात का पानी खड़ा हो जाता है। कारण यही है कि यहां पानी की निकासी सही ढंग से नहीं की गई। जिसके चलते पब्लिक काफी परेशान होती है। नगर निगम या फिर प्रशासनिक अधिकारियों को पब्लिक की इस परेशानी को हल करना चाहिए। क्योंकि मिट्टी धूल से विभिन्न बीमारियों का शिकार होने के डर लगा रहता है।

-अर्ष कुमार


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