झूठ बोलकर समय से पहले स्कूल से जल्दी छुट्टी करवाकर ले गया था दोनों बच्चों को
शहर के नामी इमीग्रेशन ऑफिस के मालिक परमवीर गरंग ने पिछले पांच सालों में तरक्की तो बहुत की लेकिन परिवार के झगड़ों को संभाल नहीं पाया।
जागरण संवाददाता, पटियाला
शहर के नामी इमीग्रेशन ऑफिस के मालिक परमवीर गरंग ने पिछले पांच सालों में तरक्की तो बहुत की, लेकिन परिवार के झगड़ों को संभाल नहीं पाया। शनिवार को समय से पहले बच्चों के स्कूल पहुंचे परमवीर व उसकी पत्नी दीपशिखा ने स्कूल प्रबंधकों से झूठ बोला कि बाहर जाना है। जिसके बाद यह लोग 11 बजे ही बच्चों को लेकर स्कूल से निकल गए, लेकिन स्कूल से निकलने के बाद किसी बाजार में नहीं गए। यह लोग गाड़ी लेकर सीधे नाभा रोड पहुंचे और नहर में कार गिरा दी। कार की पिछली सीट पर दोनों बच्चे बैठे थे, जब कार नहर में गिरी तो गोताखोरों ने देखा कि बच्चे खुद को बचाने के लिए कार की शीशे पर हाथ मार रहे थे। वहीं परमवीर की पत्नी ने भी शीशे पर वार करने शुरू कर दिए तो शीशा टूट गया। शीशा टूटते ही कार नहर में गिर गई और चारो मेंबर डूब गए। शंकर भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से दोनों बच्चों को कार सहित नहर में डूबते देखा है।
कार से मिली शराब की बोतल
कार को बाहर निकाला तो उसमें से शराब की बोतल बरामद हुई, हालांकि घटना के समय परमवीर ने शराब नहीं पी हुई थी। बताया जा रहा है कि कंपनी की तरक्की के कारण पूरा परिवार खुश था, लेकिन पिछले कुछ समय से दंपति के बीच मामूली तकरार चल रही थी। हालांकि दंपती के बीच ऐसी बातें अकसर होने पर किसी ने गौर नहीं किया था। वहीं बात तरक्की की करे तो हाल ही में परमवीर ने लीला भवन इलाके में एक नया ऑफिस भी लिया था। इस ऑफिस को तैयार किया जा रहा था, लेकिन उससे पहले ही यह हादसा हो गया।
परमवीर का मोबाइल फोन व ऑफिस रिकॉर्ड बताएगा घटना का कारण
डीएसपी योगेश शर्मा ने कहा कि हादसे को लेकर कई कारणों की चर्चा चल रही है लेकिन किसी भी एक कारण को मानना अभी जल्दबाजी होगा। ऐसे में परमवीर का मोबाइल फोन, ऑफिस के स्टाफ से पूछताछ व परिवार के बयानों के बाद ही असली कारण पता चल पाएंगे। इसके लिए दो टीमें बनाई गई हैं।