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यूनिवर्सिटी हॉस्टल में कैदियों की तरह रहती हैं लड़कियां : कन्नूप्रिया

पटियाला, यूनिवर्सिटी में लड़कियों के हॉस्टल 24 घंटे खुलने रखने की हिमायत करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन की प्रधान कन्नु प्रिया ने कहा कि यूनिवर्सिटी हॉस्टल में लड़कियां महिला कैदियों की तरह रहती हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 08:31 PM (IST)
यूनिवर्सिटी हॉस्टल में कैदियों की तरह रहती हैं लड़कियां : कन्नूप्रिया
यूनिवर्सिटी हॉस्टल में कैदियों की तरह रहती हैं लड़कियां : कन्नूप्रिया

जागरण संवाददाता, पटियाला

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यूनिवर्सिटी में लड़कियों के हॉस्टल 24 घंटे खुलने रखने की हिमायत करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन की प्रधान कन्नु प्रिया ने कहा कि यूनिवर्सिटी हॉस्टल में लड़कियां महिला कैदियों की तरह रहती हैं। जबकि उनको भी पुरुषों की तरह आजादी का अधिकार है। प्रशासन छात्रों के हॉस्टल खुलने के मामले में स्टूडेंट के मां बाप से राय मंगता है तो इसमें हमें कोई एतराज नहीं, परंतु जब फीसों में वृद्धि की जाती है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन खुद ही फरमान जारी कर देता है और किसी के मां बाप से कभी पूछा नहीं गया कि फीस बढ़ाई जाए या नहीं। पंजाब यूनिवर्सिटी पिछले कुछ दिनों से लड़कियों के हॉस्टल को 24 घंटे खुला रखने के लिए स्टूडेंट नेता धरने पर है। कन्नू प्रिया रविवार की सांय पंजाबी यूनिवर्सिटी में डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन की ओर से शुरु किए धरने का समर्थन करने पहुंची। उन्होंने धरने में बैठे स्टूडेंट का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि स्टूडेंट अपनी फ्रीडम के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। स्टूडेंट्स के धरने को संबधित करते हुए कन्नु प्रिया ने कहा कि महिलाओं को भी पुरुषों की तरह खुल कर ¨जदगी जीने का हक है, जबकि यूनिवर्सिटियां कॉलेजों के हॉस्टलों में छात्राओं को महिला कैदियों की तरह ¨जदगी जीनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी या दूसरी शिक्षा संस्थाएं समाज को शिक्षा देने के लिए हैं, जबकि हमारे देश में बिल्कुल उलट हो रहा है। जिस चीज के लिए आज स्टूडेंट संघर्ष कर रहे हैं, उसके नतीजे भविष्य में बहुत अच्छे आएंगे। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से एक बात सुनने में आ रही है कि समिति का गठन करके विद्यार्थियों के मां बाप से पूछा जाए कि छात्राओं का हॉस्टल 24 घंटे खुला रहना चाहिए या नहीं। दूसरी तरफ जब फीसों में विस्तार किया जाता है तो तब यही यूनिवर्सिटी प्रशासन मां बाप के पास से क्यों नहीं पूछता कि फीस बढ़ाई जाए या नहीं। उन्होंने ऐलान किया कि डीएसओ की तरफ से छात्रों के हॉस्टल को 24 घंटे खुला रखने सहित फीसों आदि में वृद्धि को वापिस लेने के लिए संघर्ष जारी रखा जाएगा।


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