बांध के किनारों को मजबूत करने में लगे लोग
घग्गर दरिया में बढ़ते वाटर लेवल ने इससे सटे गांवों के लोगों के दिलों में सहम बना रखा है। चाहे अभी तक घग्गर का वाटर लेवल खतरे के निशान से काफी नीचे है परंतु इससे सटे गांवों के लोगों की नींद हराम हो रखी है और वह अपने स्तर पर किनारों को म•ाबूत करने पर लग गए है। एक दर्जन के करीब गांवों के लोगों की तरफ से इकट्ठे होकर की जा रही इन कोशिशों के बावजूद प्रशासन ने इस बारे अभी तक कोई प्रयास नहीं किया है।
जेएनएन पातड़ां, पटियाला : भारी बारिश के बाद चाहे अभी तक घग्गर दरिया का वाटर लेवल खतरे के निशान से काफी नीचे है परंतु इससे सटे गांवों के लोगों की नींद हराम हो गई है।
खतरे को कम करने के लिए लोग अपने स्तर पर बांध के किनारों को मजबूत करने में लग गए हैं। एक दर्जन के करीब गांवों के लोगों की तरफ से इकट्ठे होकर की जा रही इन कोशिशों के बावजूद प्रशासन ने इस बारे में कोई प्रयास नहीं किया है।
जानकारी के अनुसार घग्गर के किनारे बसे गांव रसोली और शुतराणा के नजदीक कई स्थानों से घग्गर के बांध काफी कमजोर होने के कारण आसपास के गांवों के लोगों में सहम का माहौल है। जिसके चलते आज गांव शुतराणा, जोगेवाला, नाईवाला, गुलाहड़, होतीपुर, नवागांव आदि के किसान इकट्ठे होकर बांध के नाजुक स्थानों पर बड़ी संख्या में लोगों ने मिट्टी के थैले भरकर इन कमजोर स्थानों पर लगा कर मजबूत किया। किसान बलबीर ¨सह शुतराणा, इकबाल ¨सह, अतर ¨सह, संत लाल, कर्मजीत ¨सह, बलवंत ¨सह, गुरनाम ¨सह और सुखा ¨सह ने कहा कि उनकी फसलें पककर तैयार हो गई हैं। उन्होंने कहा कि जब भी घग्गर में पानी बढ़ता है तो बाढ़ से बचाव के लिए लोगों को अपने तौर पर ही कोशिशे करनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि अब तक की सरकारों ने घग्गर दरिया के एक बांध को सरकारी बांध मान कर मजबूत किया है। दूसरे बांध के टूटने की सूरत में बाढ़ के पानी की मार में आने वाले गांवों को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जाता। इस मौके पर प्रगट ¨सह, गगन गुलाड, जोगिंद्र ¨सह, गुलाब ¨सह, दर्शन ¨सह, साहिब ¨सह, स्वर्ण ¨सह, ह¨रदरपाल ¨सह एवं अन्य मौजूद रहे।