कांग्रेस सरकार के एक साल बाद सुविधा सेंटर से नौकरी के लिए आई कॉल
कांग्रेस सरकार के एक साल बीतने के बाद हर घर नौकरी के वादे पर असर शुरू हुआ है। पटियाला के कई युवाओं को सुविधा सेंटर से फोन पर जानकारी दी गई कि 22 मार्च को वे अपने कागज पत्र लेकर पहुंचे।
संजय वर्मा, पटियाला
कांग्रेस सरकार के एक साल बीतने के बाद हर घर नौकरी के वादे पर असर शुरू हुआ है। पटियाला के कई युवाओं को सुविधा सेंटर से फोन पर जानकारी दी गई कि 22 मार्च को वे अपने कागज पत्र लेकर पहुंचे। हालांकि कॉल करने वाले ने यह नहीं बताया कि कौन सी नौकरी के लिए उनको बुलाया जा रहा है। वहीं चुनाव के समय कांग्रेस का जॉब कार्ड भरने वाले सैकड़ों युवाओं की उम्मीद जाग गई है। एडीसी (जरनल) पूनमदीप कौर ने कहा कि पटियाला में पहले से ही जॉब फेस्ट लगाए गए हैं।
पटियाला में लगे रोजगार मेले में युवाओं ने हिस्सा तो लिया परंतु नौकरी के नाम पर रिजल्ट कुछ खास नहीं रहा। प्रशासन के मुताबिक आइटीआइ और पॉलीटेक्निक कॉलेज में लगे जॉब फेस्ट में कई युवाओं को रोजगार मिला, जबकि हकीकत ये है कि न तो निजी कंपनियों को योग्य उम्मीदवार मिले और न ही युवाओं को उनके माफिक नौकरी। रोजगार मेले को लेकर विपक्ष भी कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाता रहा है। कांग्रेस का जॉब कार्ड भरने वाले उम्मीदवारों को आज फोन काल आई और उनके नाम और पते की वेरीफिकेशन करते हुए वीरवार को सुविधा सेंटर डाक्यूमेंट समेत आने को कहा।
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सरकार ने जॉब कार्ड का काम इंप्लायमेंट एक्सचेंज को दे दिया था। एजेंसी ही इस सिस्टम को देख रही है और सरकार की तरफ से पटियाला में पहले ही आइटीआइ मॉडल टाउन और पॉलीटेक्निक कॉलेज गर्ल्स में रोजगार मेले लगाए जा चुके हैं। इस जॉब फेस्ट में कई युवाओं को नौकरी भी मिली है। युवाओं को नौकरी देने के लिए जॉब फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है।
एडीसी पूनमदीप कौर, इंचार्ज सुविधा सेंटर इंडस्ट्रियलिस्ट कितनी नौकरियां बेरोजगारों को दे सकते हैं सरकार ने ये जानकारी इंडस्ट्रीयल फोकल प्वाइंट एसोसिएशन से मांगी थी। एसोसिएशन की ओर से अलग-अलग कैटागिरी की 400 नौकरियों की जानकारी सरकार को भेज दी थी। जानकारी भेजने के बावजूद कोई बेरोजगार फोकल प्वाइंट की तरफ नहीं आया। बेशक पटियाला में रोजगार मेले लगे हैं, परंतु उनकी एसोसिएशन की ओर से नौकरियों को लेकर दी गई जानकारी के आधार पर किसी को नौकरी नहीं दी गई। ये भी देखने में आया है कि युवा फैक्ट्री में काम करना कम ही पसंद करते हैं। रोजगार मेलों का कोई फायदा नजर नहीं आया।
-बलबीर शाही, प्रधान इडंस्ट्रीयल फोकल प्वाइंट एसोसिएशन