एटीओ केसरपाल की ट्रैक से 15 दिन बाद ही आरटीए दफ्तर में वापसी
नाभा रोड के नजदीक बने ड्राइ¨वग ट्रैक पर काम कर रहे असिस्टेंट ट्रांसपोर्ट अफसर (एटीओ) केसरपाल की ट्रैक से 15 दिन बाद आरटीए दफ्तर में वापसी हो गई। गौरतलब है कि ड्राइ¨वग ट्रैक पर चार हजार लाइसेंस की फाइल पें¨डग हो चुकी है।
जागरण संवाददाता, पटियाला
नाभा रोड के नजदीक बने ड्राइ¨वग ट्रैक पर काम कर रहे असिस्टेंट ट्रांसपोर्ट अफसर (एटीओ) केसरपाल की ट्रैक से 15 दिन बाद आरटीए दफ्तर में वापसी हो गई। गौरतलब है कि ड्राइ¨वग ट्रैक पर चार हजार लाइसेंस की फाइल पें¨डग हो चुकी है। केसरपाल की ट्रैक से वापसी का कारण भी काम पें¨डग होना बताया जा रहा है। इससे पहले केसरपाल आरटीए दफ्तर में ही काम करते थे। आरटीए गुरप्रीत ¨सह ¨थद ने एटीओ केसरपाल ¨सह की ड्यूटी ड्राइ¨वग ट्रैक पर लगाई थी। ताकि ट्रैक पर लाइसेंस बनवाने के लिए आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े। केसर की ज्वाइ¨नग के बाद एटीओ प्रदीप ¨सह ढिल्लों छुट्टी पर चले गए थे। इसके बाद केसरपाल ड्राइ¨वग ट्रैक का कामकाज नहीं संभाल सके। लोगों को अपने लाइसेंस बनवाने के दौरान विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ा। आरटीए गुरप्रीत ¨सह ¨थद ने एटीओ केसरपाल ¨सह का तबादला मिनी सचिवालय के डी ब्लॉक स्थित आरटीए दफ्तर में कर दिया। वहीं दूसरी ओर एजेंटों से मिलीभगत करने वाले कर्मचारियों के तबादले भी कर दिए गए।
अगले हफ्ते लाइसेंस मिलने की संभावना
गत दिनों जिन लोगों ने अपने ड्राइ¨वग लाइसेंस अप्लाई किए हैं, उनको लाइसेंस अगले हफ्ते मिलने की संभावना है। क्योंकि ड्राइ¨वग ट्रैक पर चार हजार के करीब ड्राइ¨वग लाइसेंस की फाइलें पें¨डग हैं। एटीओ केसरपाल ने फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं किए। उधर अब एटीओ प्रदीप ¨सह ढिल्लों इस काम को निपटा रहे हैं। ढिल्लों का मानना है कि इस शुक्रवार तक लोगों को उनके लाइसेंस जारी कर दिए जाएंगे। पें¨डग डाक को निपटाने के लिए एटीओ ढिल्लों ने कर्मचारियों को ओवरटाइम काम करने के निर्देश भी दिए हैं। ढिल्लों ने कहा कि पें¨डग काम को जल्द ही निपटा दिया जाएगा। प्रबंधकीय कारण बताकर किया तबादला
एटीओ केसरपाल ¨सह ने बताया कि आरटीए ने प्रबंधकीय कारणों से तबादला किया जाना बताया है। जारी हुए पत्र में सिर्फ इतना ही लिखा है कि किसी प्रबंधकीय कारण के चलते ड्राइ¨वग ट्रैक से आरटीए दफ्तर में तबादला किया जाता है। केसरपाल ने बताया कि तबादले के कारण में उनसे पूछा तक नहीं गया।