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शिक्षा मंत्री के गैर जिम्मेवाराना रवैये खिलाफ तीखा संघर्ष करने का एलान

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के सूबा प्रधान अमरजीत शास्त्री, सूबा सचिव और साझा अध्यापक मोर्चा के सूबा कनवीनर द¨वदर ¨सह पूनिया, सूबा समिति मेंबर विक्रम देव ¨सह, जिला नेता अमनदीप ¨सह देवीगढ़ ने बयान जारी करते हुए शिक्षा मंत्री ओम पकाश सोनी की तरफ बीती 1 दिसंबर को अध्यापकों के पक्के धरने में पहुंचकर किए जनतक ऐलान को पूरा करने से पीछे हटते गैर जिम्मेवाराना रवैया अपनाने और वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 12:01 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 12:01 AM (IST)
शिक्षा मंत्री के गैर जिम्मेवाराना रवैये खिलाफ तीखा संघर्ष करने का एलान
शिक्षा मंत्री के गैर जिम्मेवाराना रवैये खिलाफ तीखा संघर्ष करने का एलान

जागरण संवाददाता, पटियाला

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डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के सूबा प्रधान अमरजीत शास्त्री, सूबा सचिव और साझा अध्यापक मोर्चा के सूबा कनवीनर द¨वदर ¨सह पूनिया, सूबा समिति मेंबर विक्रम देव ¨सह, जिला नेता अमनदीप ¨सह देवीगढ़ ने बयान जारी करते हुए शिक्षा मंत्री ओम पकाश सोनी की तरफ बीती 1 दिसंबर को अध्यापकों के पक्के धरने में पहुंचकर किए जनतक ऐलान को पूरा करने से पीछे हटते गैर जिम्मेवाराना रवैया अपनाने और वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया है। साझा अध्यापक मोर्चा की तरफ से शिक्षा मंत्री के जनतक ऐलानों को डेढ़ महीना बीतने के बावजूद अध्यापक वर्ग के साथ किये वायदा पूरे न होने के रोष के तौर पर पजाब सरकार खिलाफ शुरु किए व्यापक संघर्ष के लिए जत्थेबंदी की तरफ से बड़ी लामबंदी करन का ऐलान कर दिया है।

नेताओं ने बताया कि शिक्षा मंत्री की तरफ से'पक्के धरने'में किये ऐलान अनुसार संघर्ष दौरान हुई बरखास्तगियों, सस्पेंशनों और ट्रांस्फरों को रद्द नहीं किया गया बल्कि विकटेमाईजेशनों का दौर लगातार चलाया जा रहा है, इस के इलावा 8886 एसएसए, रमसा, आदर्श मॉडल स्कूल अध्यापकों की तनख्वाह कटौती के मुद्दे को रिव्यू करने समेत जाम किये महगायी भत्ते, तीन सालों से लटकाई वेतन आयोग की रिपोर्ट, पुरानी पैंशन प्रणाली की बहाली जैसे मुद्दों का वाजिब हल निकालने के लिए मुख्यमंत्री के साथ मी¨टग करवाने की बजाय अध्यापकों को आठ-आठ महीनों से रुकी तनख्वाहें भी जारी नहीं की गई।

नेताओं ने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से अध्यापकों के भविष्य को अंधेरे में धकेला जा रहा है। वहीं शिक्षा मंत्री की तरफ से जनतक ऐलानों को पूरा न करने के कारण जत्थेबंदी की तरफ से व्यापक रूप में साझे संघर्ष शुरु करने और लोगों की कचेहरी में सरकारी की धक्केशाही को लेजाने का फैसला किया गया है और लाजिमी तौर पर पंजाब सरकार को आगामी लोक सभा चुनाव में अध्यापक वर्ग के तीखे विरोध की राजनैतिक कीमत भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दी।


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