एजेंटों के फायदे के लिए दो जगह चल रहा ड्राइविग लाइसेंस का काम
आरटीए दफ्तर के कर्मचारी मनमर्जी से काम कर रहे हैं जिसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, पटियाला
आरटीए दफ्तर के कर्मचारी मनमर्जी से काम कर रहे हैं, जिसका खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। ड्राइविग ट्रैक होने के बावजूद ड्राइविग लाइसेंस का काम एक जगह होने की बजाय दो जगह हो रहा है। कर्मचारियों की मनमर्जी के चलते लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। मगर कर्मचारियों को लोगों की परेशानी से कुछ लेना देना नहीं। माना जा रहा है कि कर्मचारियों की ओर से यह काम एजेंटों को मुनाफा पहुंचाने के मकसद से किया जा रहा है।
ये है मामला
पिछले दिनों ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के दौरान लोगों को विभिन्न प्रकार की परेशानी उठानी पड़ती थी। सरकार ने लोगों की इसी परेशानी को खत्म करने के लिए राज्य के हर जिला में ड्राइविग ट्रैक स्थापित किए थे। ताकि ड्राइविग लाइसेंस से कोई भी काम हो, लोगों को एक छत के नीचे मिले। मगर कर्मचारियों ने एजेंटों को फायदा पहुंचाने के मकसद से लर्निंग लाइसेंस का काम मिनी सचिवालय के ए ब्लॉक में किया जा रहा है। दूसरी ओर पक्का ड्राइविग लाइसेंस बनाने का काम नाभा रोड के नजदीक स्थित ड्राइविग ट्रैक पर चल रहा है। नियम देखें तो लर्निंग व पक्के ड्राइविग लाइसेंस का काम ड्राइविग ट्रैक पर ही होना चाहिए। मगर कर्मचारी यह काम अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं। कर्मचारियों को लोगों की इस परेशानी को कोई लेना देना नहीं है बस अपने फायदे के लिए काम कर रहे हैं।
लर्निंग लाइसेंस का काम ट्रैक पर शिफ्ट करने के निर्देश
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से आरटीए दफ्तर को लर्निंग लाइसेंस बनाने का काम ड्राइविग ट्रैक पर शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए जा चुके है। बावजूद इसके कर्मचारी द्वारा इस काम को शिफ्ट नहीं किया जा रहा। दूसरी ओर ट्रैक का कामकाज संभाल रहे एटीओ प्रदीप सिंह ढिल्लों कहा कि लाइसेंस से संबंधित दोनों काम ट्रैक पर ही होने चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें विभागीय निर्देशों के बारे में जानकारी नहीं है। आरटीए अरविद से इस मामले संबंधी बात की जाएगी। ताकि दोनों काम एक जगह ही एकत्रित किए जा सकें। इससे लोगों की परेशानी भी कम होगी।