डॉक्टर ने गोद तो लिया मरौड़ी पर नहीं सुधरी तबीयत
विकास कार्यो को बेहतर तरीके से पूरा करवाने की साख रखने वाले सासद डॉ. धर्मवीर गाधी सांसद निधि के तहत गोद लिए गाव मरौड़ी को सही तरीके से फिट नहीं कर पाए हैं।
दीपक मौदगिल, पटियाला
विकास कार्यो को बेहतर तरीके से पूरा करवाने की साख रखने वाले सासद डॉ. धर्मवीर गाधी सांसद निधि के तहत गोद लिए गाव मरौड़ी को सही तरीके से फिट नहीं कर पाए हैं। डॉ. गाधी द्वारा अडॉप्शन के बाद गाव में हाई स्कूल में मूलभूत सुविधाएं तो बेहतर हुई हैं, लेकिन कच्ची और गंदगी से पटी नालियों और पीने वाले स्वच्छ पानी की सप्लाई न होने से मरौड़ीवासियों को आज भी दो-चार होना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार ने गाव व शहरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए करोड़ों रुपये के फंड से कायाकल्प करने का लक्ष्य तय किया था। इस लक्ष्य के तहत पटियाला से आम आदमी पार्टी के सासद डॉ. धर्मवीर गाधी ने पटियाला लोकसभा सीट में समाना विधानसभा सीट के तहत गाव मरौड़ी को गोद किया। इस दौरान डॉ. गाधी हालाकि चार बार मरौड़ी गाव भी आए और उनके द्वारा अडॉप्ट किए जाने पर गाव चर्चा में तो जरूर आया, परंतु समस्याओं का हल नाममात्र ही हुआ है। गोद लिए गाव के लोग अपनी समस्याएं बता-बता कर इतना ऊब गए हैं कि अब किसी समस्या का जिक्र करते हुए समय उनमें निराशा की झलक जरूर दिखाई देती है।
हरियाणा की हद के नजदीक होने के कारण घग्गर पट्टी का यह गाव कई तरह की समस्याओं का शिकार होने के कारण गाव के विकास की अधूरी तस्वीर साफ झलकती है, वहीं गाव में कच्चे घर, बेरोजगारों की बड़ी संख्या विकास में बड़ा रोड़ा बनी हुई है। घनी आबादी वाले गाव मरौड़ी के अधिकतर लोग राय सिख बिरादरी से संबंधित हैं और यहा के लोगों के घर के चुल्हे का खर्च मेहनत मजदूरी करके होता है। बीते समय में तो मरौड़ी को अवैध शराब निकालने के तौर पर भी जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इस मामले में इसकी साख जरूर सुधरी है और अवैध शराब निकालने का ठप्पा मरौड़ी गाव के नाम से फीका पड़ने लगा है।
आगामी चुनाव के रुझान को लेकर मरौड़ीवासी उत्साहपूर्वक कोई जवाब नहीं देते। वह कहते हैं कि गाव की तबीयत तो सुधर नहीं रही। ऐसे में उनका ध्यान तो अपनी दिनचर्या में ही लगा रहता है। अब अगली सरकार किसकी होगी और किसे उन्हें वोट करना है, इस पर कौन ध्यान दे क्योंकि राजनीतिज्ञों से तो अब तक लारे-लप्पे ही मिले हैं।
कोट्स
- हेल्थ सेंटर न होना बड़ी समस्या : गुरमीत सिंह
गाववासी गुरमीत सिंह कहते हैं कि यूं तो सासद खुद डॉक्टर हैं, लेकिन उनकी ओर से अडॉप्ट किए गए गाव में सेहत सुविधाएं सही तरीके से न होने के बारे वह गंभीर ही नहीं। गाव में न कोई डिस्पेंसरी है और न ही कोई हेल्थ सेंटर। अभी भी मामूली चेकअप के लिए गाववासियों को छह किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
गंदे पानी की निकासी के लिए सीवेरज लाइन जरूरी : सुच्चा सिंह
गाववासी सुच्चा सिंह ने बताया कि मरौड़ी गाव में तीन तालाब हैं। इनमें से महज एक तालाब ही सीवरेज पाइप लाइन से जुड़ा है, जिसके चलते गाव की अधिकतर नालियों का पानी वहीं जमा रहता है। इससे जहा गंदगी फैलती है, वहीं बदबूभरा माहौल भी बना रहता है। गाव के बाकी दो तालाबों को भी सीवरेज लाइन से जोड़ा जाना जरूरी है।
वेटरनरी डिस्पेंसरी की जरूरत : रणजीत सिंह
मरौड़ी ग्राम पंचायत के सदस्य रणजीत सिंह ने कहा कि यह गाव पिछड़ा हुआ है और अधिकतर परिवारों का गुजारा पालतू दुधारू पशुओं पर ही चलता है। ऐसे हालात में दुधारू पशुओं की सेहत के रखरखाव के लिए गाव में वेटरनरी डिस्पेंसरी जरूरी है, लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने इस ओर गंभीर रवैया नहीं अपनाया है।
गाव के युवाओं के लिए रोजगार के मौके नहीं : गुरदीप सिंह
गुरदीप सिंह ने बताया कि गाव के करीब 598 घरों की आबादी 3600 के करीब है। अधिकतर घरों का गुजारा खेतीबाड़ी पर ही निर्भर है। गाव के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने में डॉ. गाधी नाकाम रहे हैं। हालाकि बड़ी संख्या में गाव के युवा शहरी इलाके में नौकरी करने के लिए जा रहे हैं लेकिन इस इलाके के विकास के लिए डॉ. गाधी कोई इंडस्ट्री नहीं ला पाए हैं।
कोट्स
अपने कोटे से गाव के विकास के लिए बहुत कोशिशें की हैं। सरकारी स्कूल के बुनियादी ढाचा, पंचायत घर सहित अन्य विकास कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री की तरफ से गावों संबंधित योजना बनाई गई थी, परंतु हैरानी वाली बात है कि केंद्र सरकार की तरफ से इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखाई और न ही कभी कोई फंड दिया है।
डॉ. धर्मवीर गांधी, सांसद