दो महीने से खाली पड़े एफओ पद के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार गुरशाम आए आगे, यूनिवर्सिटी प्रशासन चुप
पंजाबी यूनिवर्सिटी में पिछले करीब दो महीने से खाली पड़े फाइनांस अफसर के पद के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार गुरशाम ¨सह धीमान ने यूनिवर्सिटी के पास अप्लाई कर दिया है।
जागरण संवाददाता,पटियाला
पंजाबी यूनिवर्सिटी में पिछले करीब दो महीने से खाली पड़े फाइनांस अफसर के पद के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार गुरशाम ¨सह धीमान ने यूनिवर्सिटी के पास अप्लाई कर दिया है। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से गुरशाम के पास कोई मैसेज नहीं आया। मगर वह फाइनांस अफसर के पद पर काम करने के लिए तैयार है। हालांकि पिछले लंबे समय पहले डिप्टी रजिस्ट्रार ही फाइनांस अफसर लगते रहे हैं। मगर कुछ समय से यूनिवर्सिटी प्रशासन इस पद पर टी¨चग स्टाफ की ही नियुक्ति करने पर लगा हुआ है। नॉन टी¨चग स्टाफ की ओर से भी एफओ पद पर नॉन टी¨चग अधिकारी को ही लगाने की मांग की जा रही है।
मैं एफओ पद पर काम करने के लिए तैयार हूं
डिप्टी रजिस्ट्रार गुरशाम ¨सह धीमान ने कहा कि उन्होंने एफओ पद के लिए रजिस्ट्रार डॉ. मनजीत ¨सह व वीसी डॉ.भूरा ¨सह घुम्मण के पास अप्लाई किया है। धीमान ने कहा कि यह नॉन टी¨चग स्टाफ का पद है और नॉन टी¨चग अधिकारी ही यहां लगना चाहिए। फिलहाल यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं आया। धीमान ने बताया कि पिछले लंबे समय से एफओ पद पर डिप्टी रजिस्ट्रार ही नियुक्त होते रहे हैं। मगर कुछ समय से यूनिवर्सिटी प्रशासन नॉन टी¨चग पद पर टी¨चग स्टाफ को नियुक्त करने पर लगा हुआ है। हालांकि नॉन टी¨चग स्टाफ भी यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ है। इसके बावजूद प्रशासन टी¨चग स्टाफ में से नियुक्ति करता आ रहा है। मगर अब देखना है कि प्रशासनिक अधिकारी इस पद पर किस कैटेगरी के अधिकारी की नियुक्ति करते हैं। क्योंकि पूर्व एफओ आरएस अरोड़ा के साथ हुई घटना के बाद टी¨चग स्टाफ से कोई लगने को तैयार नहीं। दूसरी ओर यूनिवर्सिटी प्रशासन नॉन टी¨चग में से किसी भी अधिकारी को नियुक्त करने को तैयार नहीं। यूनिवर्सिटी प्रशासन की मनमर्जी से नॉन टी¨चग मुलाजिम परेशान
पंजाबी यूनिवर्सिटी में नॉन टी¨चग स्टाफ की समस्याओं को हल करने के लिए गठित की पुंटा एसोसिएशन के प्रेस सचिव मनोज भांबरी व महासचिव मोहम्मद जहीर लोरे ने कहा कि पिछले कुछ समय से यूनिवर्सिटी प्रशासन नॉन टी¨चग वाली सीट पर टी¨चग स्टाफ के अधिकारियों की नियुक्ति करता आ रहा है। हालांकि यह नियमों के उलट है। मगर प्रशासनिक अधिकारी अपनी मनमर्जी से काम करते आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन की इस मनमर्जी से नॉन टी¨चग स्टाफ काफी परेशान है। क्योंकि नॉन टी¨चग मुलाजिमों की समस्याएं हल होने की जगह दिन-प्रति-दिन बढ़ती ही जा रही है। टी¨चग स्टाफ का कोई अधिकारी नॉन टी¨चग मुलाजिम की परेशानी को सुनने को तैयार नहीं। इस लिए जरूरी है कि नॉन टी¨चग वाली सीट पर नॉन टी¨चग के अधिकारी की ही नियुक्त हो।