डिफेंस कॉलोनी की सड़कें व स्ट्रीट लाइटें बदहाल
यहां डिफेंस कॉलोनी में रहने वालों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। कॉलोनीवासियों का कहना है कि कॉलोनी में न तो अच्छी सड़कें हैं, न हीं सीवरेज व्यवस्था और न ही स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था।
संस, राजपुरा, पटियाला
यहां डिफेंस कॉलोनी में रहने वालों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। कॉलोनीवासियों का कहना है कि कॉलोनी में न तो अच्छी सड़कें हैं, न हीं सीवरेज व्यवस्था और न ही स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था। मौजूदा सत्ताधारी दल राजपुरा के विकास कार्य करवाने व शहर को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है। इसके तहत शहरी वर्ग के साथ ग्रामीण इलाकों की भी नुहार बदली जा रही है। लेकिन इलाके के कुछ इलाके अभी भी बेहद पिछड़े हैं, जहां पर विकास कार्यों की बेहद जरूरत है।
राजनीतिक लोगों ने हमेशा किया शोषण
डिफेंस कॉलोनी वासी सूबेदार परमजीत ¨सह, एसएम हरपाल ¨सह, खजान ¨सह, हंसराज, कुलदीप ¨सह, ध्यान ¨सह, जेपी पांडे, जसविन्द्र ¨सह, हाकिम ¨सह, सुरिन्द्रपाल ¨सह, हरजीत ¨सह, गुरमीत ¨सह, शंकर ठक्कर, राम समीर, तरसेम ¨सह, रनजीत कौर, परमजीत कौर, हरपाल कौर, हरनाम कौर सहित एक सौ से ज्यादा कॉलोनी वासियों ने बताया कि यह बहुत ही अफसोस की बात है कि देश की आजादी के पहले आबाद हुई कॉलोनी में न तो कोई सरकारी स्कूल है और न ही धर्मशाला। इतना ही नहीं कॉलोनी में पक्की सड़कें तक नहीं हैं। हल्की बरसात आने के बाद लोग अपने घरों में कैद होकर रह जाते हैं, क्योंकि बारिश का पानी गलियों व प्लाटों में भरे सीवरेज के पानी में मिक्स होकर पूरे इलाके में बदबू फैल रही है।
कॉलोनी में फैल रही हैं बीमारियां
सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर अमरजीत ¨सह व फौज से सेवानिवृत्त कैप्टन बलबीर ¨सह ने बताया कि कॉलोनी में खड़े गंदे पानी से डायरिया, डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा है। इससे काफी संख्या में लोग बीमार पड़े हैं और अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं। कॉलोनी के पूर्व सरपंच प्रितपाल ¨सह का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कॉलोनी के 20 लाख रुपये के जो काम करवाए हैं उसके बाद कॉलोनी में कोई भी कार्य नहीं हुआ।
चुनावों के बाद हल की जाएंगी कॉलोनी की समस्याएं
सरपंच गुरमेल ¨सह का कहना है कि कॉलोनी में सबसे बड़ी समस्या सीवरेज सिस्टम व पानी की निकासी की है। इस पर काफी पैसा खर्च होगा। कॉलोनी में उन्होंने ग्रांट के आए 14 लाख रुपये का कार्य करवाया है। गंदे नाले को पक्का करवाने के लिए डेढ़ लाख रुपये का प्रपोजल बनवाया था। लेकिन आचार संहिता लग जाने से कार्य को बीच में रोक दिया। उन्होंने कहा कि कॉलोनी में जो भी कमियां रह गई हैं उसे चुनावों के बाद जल्द हल किया जाए।
कोट्स
डिफेंस कॉलोनी के लिए जो भी फंड आया था वह उसके विकास पर खर्च किया गया है। थोड़ा बहुत फंड बचा हुआ है। इलेक्शन कोड ऑफ कंडक्ट लग जाने से फिलहाल काम रोक दिया गया है।
सुरिंदर सिंह, बीडीपीओ