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साइकिल पार्किंग फ्री, फिर भी वसूली जा रही फीस

माता कौशल्या अस्पताल के साइकिल स्टैंड पर पहुंचने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों से पार्किंग के दोगुने दाम वसूले जा रहे हैं। साइकिल को अस्पताल प्रशासन ने फ्री किया हुआ है, जबकि उसके भी पांच रुपये वसूले जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 06:38 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 08:10 PM (IST)
साइकिल पार्किंग फ्री, फिर भी वसूली जा रही फीस
साइकिल पार्किंग फ्री, फिर भी वसूली जा रही फीस

जागरण संवाददाता, पटियाला

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माता कौशल्या अस्पताल के साइकिल स्टैंड पर पहुंचने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों से पार्किंग के दोगुने दाम वसूले जा रहे हैं। साइकिल को अस्पताल प्रशासन ने फ्री किया हुआ है, जबकि उसके भी पांच रुपये वसूले जा रहे हैं। साथ ही अन्य वाहनों के दोगुने दाम वसूले जा रहे हैं । हालांकि अस्पताल प्रशासन भी मानता है कि स्टैंड पर पब्लिक से अधिक दाम वसूले जा रहे हैं और वे ठेकेदार को कई बार इसकी चेतावनी भी दे चुके हैं । मोटरसाइकिल (बाइक) सहित स्कूटर के लिए दाम 5 रुपये है, जबकि मोटरसाइकिल के लिए 10 रुपए व स्कूटर के लिए भी 10 रुपये ही लिए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह भी है कि अस्पताल में आने वाले मरीज सहित उनके रिश्तेदार कहते हैं कि यह स्टैंड नहीं, बल्कि बैरिकेड्स हैं, जिसे अस्पताल में इलाज करवाने से पहले पार करना पड़ता है ।

अस्पताल से बाहर जाने पर फाड़ दी थी पर्ची : कर्मजीत

एक दिन में जितनी भी बार अस्पताल में वाहन लेकर लोग आते हैं, उनसे उतनी ही बार रुपये वसूले जाते हैं । अस्पताल में मौजूद गांव दुताल से आए एक मरीज कर्मजीत ¨सह ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ एक दिन चेकअप करवाने आया था। चेकअप के बाद डॉक्टर ने बाहर से टेस्ट करवाने के लिए भेजा तो उनको अस्पताल से वाहन पर बाहर जाना पड़ा। जब वे अस्पताल के बाहर गए तो उनके वाहन की पर्ची फाड़ दी गई । जब वे एक घंटे के बाद वापस अस्पताल में आए तो उनके वाहन की फिर से फीस ली गई । ऐसे में अस्पताल में जितनी बार आना जाना होगा उतनी ही बार नई पर्ची और फीस लगेगी । ठेकेदार को दूंगी चेतावनी : एमएस

साइकिल स्टैंड पर साइकिल की फीस या फिर अन्य वाहनों के दाम अधिक वसूले जा रहे हैं। इसकी जानकारी मुझे नहीं है। ठेकेदार को चेतावनी दूंगी, अगर उसने साइकिल को फ्री नहीं किया और अन्य वाहनों की राशि उचित नहीं ली तो वे ठेका खत्म करने की सिफारिश करेंगी ।

रेनू अग्रवाल, एमएस माता कौशल्या अस्पताल


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