सीसी फ्लोरिग से जमीन में नहीं जा पाता पानी, हरियाली घटने लगी
समाज सेवी संस्थाओं द्वारा इलाके को हरा-भरा बनाने के लिए चलाई जा रही पौधारोपण की मुहिम के दावों की उस वक्त हवा निकलनी शुरू हो गई जब नगर कौंसिल की तरफ से शहर की गलियों और मुख्य सड़कों के फुटपाथ बनाने पर कंक्रीट सीसी फ्लोरिग व इंटरलाकिग टाइलों से युद्व स्तर पर कार्य तो कर दिया गया है लेकिन इससे जहां पयरवरण को नुक्सान पहुंच रहा है।
प्रिस तनेजा, राजपुरा : समाजसेवी संस्थाओं की ओर से इलाके को हरा-भरा बनाने के लिए चलाई जा रही पौधरोपण मुहिम के दावों की उस वक्त हवा निकलनी शुरू हो गई, जब नगर कौंसिल की तरफ से शहर की गलियों और मुख्य सड़कों के फुटपाथ बनाने पर कंक्रीट, सीसी फ्लोरिग व इंटरलाकिग टाइलों से युद्ध स्तर पर कार्य तो कर दिया गया है, लेकिन इससे जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। दूसरी ओर रास्ते में आने वाले पेड़ों की भी बलि दी जा रही है। इसके कारण भूजल स्तर भी गिरना शुरू हो गया है, क्योंकि कंक्रीट के कारण बरसात का पानी जमीन के अंदर नहीं जा सकेगा। इसलिए कई राज्यों ने कंक्रीट से गलियों और फुटपाथ बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि पंजाब में यह काम अभी भी जारी है।
कैसे बढ़ रहा है पर्यावरण का खतरा
राजपुरा नगर कौंसिल ने कस्बे को साफ सुथरा बनाने के लिए युद्ध स्तर पर विकास के कार्य करवाए जा रहे हैं। इसके लिए सीसी फ्लोरिग व कंक्रीट से जो सड़कें बनवाई जा रही है, उससे शहर में हरियाली को समाप्त किया जा रहा है। वहीं अब मुख्य सड़कों के किनारे पक्के फुटपाथ बनवाकर बची हुई कच्ची जगह को समाप्त किया जा रहा है। इससे जहां फुटपाथ बनने से सड़कों की चौड़ाई कम हो रही है वहीं पर्यावरण को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। रोड गलियां बंद हो जाने से पानी की निकासी नहीं हो पाती और बारिश होने पर पूरा इलाका झील में तबदील हो जाता है। इलाके को हरा भरा बनाने के लिए धार्मिक, राजनीतिक व समाजसेवी संस्थाओं ने इलाके में बड़ी संख्या में पौधे लगाए हैं। गलियां पक्की हो जाने से जहां पहले लगे पौधे उखाड़े जा रहे हैं। वहीं गलियां पक्की होने से मोहल्लों में पौधे लगाने की जगह नहीं बची है।
क्या कहते है पार्षद व समाजसेवी
राष्ट्रभाषा समिति के प्रधान कमल वर्मा का कहना है कि इलाके में फुटपाथ बनवाने के नाम पर कौंसिल जहां करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन पौधरोपण करने वाली संस्थाओं की आशाओं पर पानी फेर रही है। कौंसिल द्वारा शहर में फुटपाथ आदि बनाने से बेहतर है कि शहर में पौधे लगाए जाते, जिससे पर्यावरण की रक्षा हो पाती। श्री गीता चितन मिशन के अध्यक्ष शत्रुघ्न गुप्ता ने सीसी फ्लोरिग से फुटपाथ निर्माण को गलत बताते हुए कहा कि सड़क किनारे जगह न बचने से पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है जिससे न तो वृक्षों की ग्रोथ बढ़ेगी और न ही पर्यावरण की रक्षा हो पाएगी। इसके लिए वह नगर कौंसिल के पदाधिकारियों से बातचीत करेंगे।
यह कहते हँ नगर कौंसिल के प्रधान
नगर कौंसिल के प्रधान नरिदर शास्त्री का कहना है कि सड़क किनारे जहां मकान या दुकान नहीं हैं और गंदगी पड़ी रहती है, वहां फुटपाथ बनाए जा रहे हैं इलाके को हरा भरा रखने के लिए हर 20 फीट पर एक पौधा लगाया जा रहा है। इलाके में पर्यावरण की रक्षा के लिए जहां कौंसिल की तरफ से वृक्षारोपण किया जा रहा है वहीं समाज सेवी संस्थाओं को भी कौंसिल की तरफ से सहयोग दिया जा रहा है ताकि ज्यादा ज्यादा संख्या में पौधे लगाए जा सकें।
क्या कहते हैं ईओ
ईओ रवनीत सिंह का कहना है कि जो फुटपाथ नगर कौंसिल की तरफ से बनाए जा रहे है, उनमें वृक्षारोपण के लिए जगह रखी गई है। इसके लिए बाकायदा नगर कौंसिल के पदाधिकारियों से बातचीत हो चुकी है। कंक्रीट के फुटपाथों में पौधों को कैसे पानी मिलेगा इस बारे उन्होंने कहा कि इसके लिए वह जांच करेंगे और आगामी जुलाई में लगने वाले पौधों का शुभारंभ फुटपाथों से करेंगे।
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