Move to Jagran APP

बिप्स स्कूल पर खास दुकान से महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने का आरोप

डकाला रोड स्थित भुपिदरा इंटरनेशनल स्कूल पर कुछ पेरेंटस द्वारा किताबें किसी खास दुकान से खरीदने के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए हैं। पेरेंट्स का आरोप है कि स्कूल स्टाफ द्वारा उन्हें ना तो किताबों की लिस्ट मुहैया करवाई जा रही है और किताबों के लिए केवल 22 नंबर स्थित कनफैक्शरी स्टोर पर भेजा जा रहा है। जहां उन्हें मार्किट रेट से 20 प्रतिशत महंगी किताबें मिल रही हैं। वहीं दुकान का पूरा पता और नाम समझाने के लिए स्कूल की बिल्डिग पर पोस्टर भी लगाए गए है। जिनकी उनके पास फोटोस भी मौजूद हैं। इस संबंधी पेरेंट्स द्वारा जिला शिक्षा अफसर सेकेंडरी कुभूषण सिंह बाजवा को भी फोन पर मामले संबंधी शिकायत की है। वहीं स्कूल प्रिसिपल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि स्कूल स्टाफ द्वारा किसी भी स्टूडेंट के पेरेंट्स को खास दुकान से किताबें खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा। पेरेंट्स द्वारा लगाए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 09:35 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 06:32 AM (IST)
बिप्स स्कूल पर खास दुकान से महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने का आरोप
बिप्स स्कूल पर खास दुकान से महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने का आरोप

जागरण संवाददाता, पटियाला

loksabha election banner

डकाला रोड स्थित भूपिदरा इंटरनेशनल स्कूल पर कुछ पेरेंट्स ने किताबें किसी खास दुकान से खरीदने के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि स्कूल स्टाफ द्वारा उन्हें किताबों की लिस्ट मुहैया नहीं करवाई जा रही। किताबों के लिए केवल 22 नंबर स्थित कंफेक्शनरी स्टोर पर भेजा जा रहा है। जहां उन्हें मार्किट रेट से 20 प्रतिशत महंगी किताबें मिल रही हैं। दुकान का पूरा पता और नाम समझाने के लिए स्कूल की बिल्डिग पर पोस्टर भी लगाए गए है। पेरेंट्स द्वारा जिला शिक्षा अफसर सेकेंडरी कुलभूषण सिंह बाजवा को भी फोन पर मामले संबंधी शिकायत की है। स्कूल प्रिसिपल ने इन आरोपों को नकारा है।

गुरु नानक नगर निवासी प्रगट सिंह ने बताया कि उनका बेटा भूपिदरा इंटरनेशल स्कूल की दूसरी क्लास का स्टूडेंट है। वह बेटे की एडमिशन करवाने गए थे। उन्हें स्कूल की बिल्डिग पर लगे बोर्ड से किताबें खरीदने संबंधी 22 नंबर फाटक स्थित दुकान का पता चला। उन्होंने वहां जाकर किताबें खरीदी। अन्य पेरेंट्स से उन्हें जानकारी मिली कि अन्य दुकानों से यही किताबें 20 प्रतिशत कम रेट से मिल रही हैं।

बॉक्स

क्लास टीचर खुद दुकान का रेफरेंस दे रहे: पेरेंट्स

प्रगट ने स्कूल के एक अन्य स्टूडेंट के पेरेंट्स मंदीप सिंह और राधा गुप्ता से बात करवाई जिन्होंने बताया कि उन्हें स्टाफ द्वारा 22 नंबर स्थित कंफेक्शनरी दुकान का रेफरेंस देते हुए किताबें वहीं से खरीद के लिए कहा गया। उन्होंने जब स्टाफ से किताबों संबंधी लिस्ट मांगी तो उन्होंने लिस्ट देने से मना कर दिया और कहा कि उस दुकान पर आपको सारी किताबें मिल जाएंगी।

कोट्स

फोन पर मिली शिकायत: डीईओ

जिला शिक्षा अफसर सेकेंडरी कुलभूषण सिंह बाजवा ने बताया कि किताबें किसी खास दुकान से खरीदने के लिए पेरेंट्स को मजबूर करने संबंधी उन्हें फोन पर शिकायत मिली है। पेरेंट्स को कल दफ्तर आकर लिखित शिकायत करने को कहा है। लिखित शिकायत के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। कोट्स

किसी खास दुकान से किताबें खरीदने संबंधी नहीं कहा: प्रिसिपल

प्रिसिपल इंदू शर्मा ने कहा कि किसी भी स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को किसी खास दुकान से किताबें खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जाता। पेरेंट्स किसी भी दुकान से किताबें खरीद सकते हैं। उनके द्वारा स्कूल की बिल्डिग पर किसी के पोस्टर नहीं लगवाए गए। कुछ पेरेंट्स द्वारा उन्हें फोन पर भी इस संबंधी बातें कही जा रही हैं लेकिन सभी आरोप बेबुनियाद हैं। कुछ पेरेंट्स खुद पोस्टर चिपकाकर स्कूल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.