बैंक कर्मचारियों ने कम ठप कर किया प्रदर्शन
भारतीय स्टेट बैंक, प्रशासनिक कार्यालय, द मॉल पटियाला के सामने विशाल प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन को पंजाब बैंक कर्मचारी महासंघ के महासचिव कॉमरेड एसके गौतम और संयुक्त सचिव एआईबीईए, कॉमरेड राजीव सर¨हदी, कॉमरेड गुरमीत कौर, कॉमरेड विनोद शर्मा ने संबोधित किया। यूएफबीयू के अन्य महत्वपूर्ण नेताओं में कॉमरेड ह¨रदर गुप्ता, उपाध्यक्ष, कॉमरेड सनमीत ¨सह, कॉमरेड संजीव प्रैशर और कॉमरेड सैनी शामिल रहे।
जेएनएन, पटियाला : भारतीय स्टेट बैंक प्रशासनिक कार्यालय द मॉल के सामने जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन को पंजाब बैंक कर्मचारी महासंघ के महासचिव कॉमरेड एसके गौतम और संयुक्त सचिव एआइबीईए, कॉमरेड राजीव सर¨हदी, कॉमरेड गुरमीत कौर, कॉमरेड विनोद शर्मा ने संबोधित किया। यूएफबीयू के अन्य महत्वपूर्ण नेताओं में कॉमरेड ह¨रदर गुप्ता, उपाध्यक्ष, कॉमरेड सनमीत ¨सह, कॉमरेड संजीव पराशर और कॉमरेड सैनी शामिल रहे।
रैली को संबोधित करते हुए एसके गौतम ने बताया कि पहले से ही अप्रैल, 2017 में एसबीआइ के साथ 6 बैंकों के मर्जर का अनुभव है। उस मर्जर के बाद एसबीआइ ने 6950 शाखाओं को बंद कर दिया है। उसके बाद 21 दिसंबर को संसद में दिए गए लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने भी यह निश्चित किया है कि इस प्रस्तावित विलय के बाद हजारों शाखाएं बंद हो जाएंगी। भारत अधिक बैंक शाखाएं चाहता है। जब एटीएम बंद हो रहे हैं, अगर शाखाएं भी बंद हो जाएंगी तो बैं¨कग ग्राहकों को अपना बैं¨कग व्यवसाय करना बेहद मुश्किल होगा।
कॉमरेड गौतम ने बताया हड़ताल की प्रतिक्रिया बहुत उत्साही है। सभी राज्यों से रिपोर्ट आ रही है कि हड़ताल सफल रही है। क्लिय¨रग आपरेशन आज प्रभावित रहा, क्योंकि शाखाएं बंद हैं और चेक क्लियरेंस के लिए नहीं भेजे जा सके। नकद लेनदेन प्रभावित रहा, क्योंकि शाखाएं बंद रहीं। सरकारी खजाने के संचालन, आयात और निर्यात बिल वार्ता, मुद्रा बाजार संचालन आदि भी प्रभावित रहे। लगभग 30 लाख चेक हड़ताल की वजह से 23 लाख करोड़ रुपये बिना निकासी के रखे गए।
कॉमरेड विनोद शर्मा, संयुक्त सचिव, एआइबीईए ने बताया सरकार बढ़ते बुरे ऋणों से राष्ट्र का ध्यान हटाना चाहती है। वह चाहते हैं कि सरकार खराब ऋणों की वसूली के लिए सख्त कदम उठाए। यदि ऋण की वसूली की जाती है तो सभी बैंक अधिक लाभांवित होंगे। बैंक परिचालन लाभ (31 मार्च 2018 को 1,55,000 करोड़ रुपये) में हैं। केवल बैड लोन (2,30,000 करोड़ रुपये) के प्रावधानों के कारण, बैंक रुपये 85,000 करोड़ के नुकसान में हैं। सरकार को नीति की समीक्षा करनी चाहिए।
कॉमरेड राजीव सर¨हदी ने वेतन समझौता के प्रति सरकार के रवैये की ¨नदा करते हुए कहा कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो हड़ताल की कार्रवाई तेज होगी। इस हड़ताल के कारण आम जनता को होने वाली असुविधा पर खेद है, लेकिन यह हड़ताल जरूरी हो गई क्योंकि सरकार ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हड़ताल नोटिस का जवाब नहीं दिया।