बीपीईओ की लापरवाही सामने आई तो मुख्य आरोपित के समान होगा एक्शन : आयोग
सनौर के गांव औजां के सरकारी प्राइमरी स्कूल में टीचर के छह वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश के मामले में बीपीईओ पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता.पटियाला
सनौर के गांव औजां के सरकारी प्राइमरी स्कूल में टीचर के छह वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश के मामले में बीपीईओ पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। मामले की जांच में जुटे पंजाब स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने कहा कि अगर बीपीईओ ने मामले संबंधी सीनियर अधिकारियों को जानकारी देने में देरी की हुई होगी, तो उन पर भी मुख्य आरोपित के बराबर की कार्रवाई होगी। ये जानकारी प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स कमिशन के डिप्टी डायरेक्टर राज¨वदर ¨सह गिल ने दी।
गिल ने बताया कि चाइल्ड एब्यूज मामले में घटना देखने के बावजूद इसकी जानकारी पुलिस या अन्य रिसपांसिबल अथॉरिटी को न देने वाले के खिलाफ भी आरोप तय कर कार्रवाई करने का प्रावधान है। बीपीईओ भुन्नरहेड़ी जो¨गदर ¨सह की भी कार्यप्रणाली पर कमीशन को संदेह था कि उन्होंने सीनियर अधिकारियों को सूचित नहीं किया।
शुक्रवार को डीईओ को मामले की जांच कर रिपोर्ट सब्मिट करने को कहा था। डीईओ प्राइमरी कंवल कुमारी ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है। जल्दबाजी में रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी, जिस कारण उन्हें 7 दिन का और समय दे दिया है। इसके साथ ही उन्हें रिपोर्ट में और देरी नहीं करने की हिदायत दी गई है।
ओजां स्कूल के हेड रोशन ने बताया था कि 6 जुलाई को घटना वाले दिन ही सारे मामले की सूचना फोन पर बीपीईओ जो¨गदर ¨सह को दे दी थी। इसके बावजूद इन्होंने 13 जुलाई को स्कूल पहुंचकर आरोपित टीचर के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। स्कूल हेड के मुताबिक 13 जुलाई को बीपीईओ को सारे मामले की जानकारी एक बार फिर से दी गई। लेकिन लिखित शिकायत का हवाला देकर इन्होंने डीईओ को भी मामले की जानकारी नहीं दी और न पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई।