फीस वसूली को लेकर शिक्षामंत्री के आवास के बाहर पेरेंट्स ने किया प्रदर्शन
पटियाला पेरेंट्स ग्रुप पटियाला और शिरोमणी अकाली दल ने लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस वसूली के विरोध में शिक्षामंत्री के आवास के नजदीक राघोमाजरा में बच्चों और महिलाओं सहित प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पेरेंट्स ग्रुप पटियाला और शिरोमणी अकाली दल ने लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस वसूली के विरोध में शिक्षामंत्री के आवास के नजदीक राघोमाजरा में बच्चों और महिलाओं सहित प्रदर्शन किया। अभिभावक फीस माफी की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन में पहुंची कांता चौहान कहा कि पति ड्राइवर का काम करते हैं और महीने के आठ हजार रुपये कमाते हैं। लॉकडाउन दौरान काम बिलकुल बंद रहा और घर का गुजारा भी मुश्किल हो गया। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों को बिना पढ़ाए प्राइवेट स्कूल फीसों की मांग कर रहे हैं। घर में खाने के लिए राशन तक नहीं है। ऐसे में वह स्कूलों की फीस कैसे भरें। तीन बच्चे हैं और तीनों की प्रति महीना फीस पांच हजार रुपये बन जाती है, जिसे वह भरने से असमर्थ हैं।
सुबह करीब साढ़े नौ बजे शुरू हुआ प्रदर्शन दोपहर दो तक जारी रहा। जिसके बाद शिक्षामंत्री के साथ मीटिग कर 12 जून को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में सरकार द्वारा पेरेंट्स के हक में पक्ष रखने के आश्वासन के बाद पेरेंट्स ने प्रदर्शन खत्म किया। लॉकडाउन के समय के दौरान प्राइवेट स्कूलों द्वारा पेरेंट्स को फीस जमा करवाने के मामले में पिछले दस दिन में दूसरी बार शिक्षामंत्री के आवास के नजदीक प्रदर्शन हुआ है। इस प्रदर्शन में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने शिक्षामंत्री और पंजाब सरकार खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। विद्यार्थियों के अभिभावकों ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा हाईकोर्ट में पटीशन दायर करने दौरान पंजाब सरकार के किसी भी नुमाइंदे ने कोर्ट में पेश होकर पेरेंट्स का पक्ष नहीं रखा। जिसके चलते कोर्ट की तरफ से प्राइवेट स्कूलों को 70 फीसद तक फीस लेने के लिए हुक्म जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में निजी स्कूलों की तरफ से लगातार फीस भरने का दबाव बनाया जा रहा है। जिससे अभिभावकों में रोष है। आठ को हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे पेरेंट्स
अमनदीप सिंह, जगतार सिंह, राजिदर कुमार, प्रवीन कुमार और अख्तर अली ने बताया कि पेरेंट्स के हक में एडवोकेट चरनपाल बागड़ी ने हाई कोर्ट में पटीशन दायर करके अपना पक्ष रखा है। जिस पर हाई कोर्ट ने सभी प्राइवेट स्कूलों को 12 जून तक स्कूलों की कमाई, खर्च और स्टाफ की गिनती का ब्यौरा मांगा है। जिसके बाद कोर्ट द्वारा अगला फैसला सुनाया जाएगा। वहीं, अब शिक्षामंत्री ने पेरेंट्स को आश्वासन दिलाया है कि 12 जून को पंजाब सरकार की तरफ से भी एडवोकेट जनरल कोर्ट में पेश होकर प्राइवेट स्कूलों द्वारा लॉकडाउन के दौरान की जा रही फीस वसूली संबंधी अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे। शिक्षामंत्री के समक्ष पेरेंट्स द्वारा उठाए मुख्य मसले
-- स्कूल खुलने तक स्कूलों द्वारा किसी तरह की फीस वसूलने पर पाबंदी लगाई जाए।
-- ऑनलाइन पढ़ाई ज्यादा फायदेमंद साबित नहीं हो रही। जिसके चलते अगले साल भी बच्चों को बिना एग्जाम अगली क्लास में प्रमोट किया जाए।
-- प्राइवेट स्कूलों द्वारा वसूले जा रहे एनुअल चार्जेस बंद हों
-- लॉकडाउन दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस वसूली जाए। उसके लिए भी छह महीने का समय दिया जाए। ऑनलाइन क्लास के दौरान पोडक्ट्स की प्रमोशन कर रहे स्कूल
शिक्षामंत्री के साथ मीटिग के दौरान पेरेंट्स ने बताया कि कुछ स्कूल ऑनलाइन क्लासेस के दौरान इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की प्रोमोशन कर रहे हैं। इस संबंधी ऑनलाइन क्लास दौरान पढ़ाई रोककर प्रोडक्ट की एडवर्टाइजमेंट शुरू कर दी जाती है। जिसके बाद शिक्षामंत्री ने मामले का तुरंत नोटिस लेते हुए पेरेंट्स को उन एडवरर्टाइजमेंट संबंधी सुबूत उन्हें देने के लिए कहा और ऐसे प्राइवेट स्कूलों खिलाफ मामला दर्ज करवाने की बात भी कही। कोट्स
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सारी फीस जमा करवाने का दबाव बना रहे स्कूल
नीतू जिदल ने बताया कि उनके दो बच्चे दूसरी और पांचवीं क्लास में पढ़ते हैं। स्कूल द्वारा पिछले सभी महीने की फीस जुलाई तक जमा करवाने का दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन लॉकडाउन दौरान बिजनेस बंद होने के कारण उनमें फीस भरने की हिम्मत नहीं है।
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ऑनलाइन पढ़ाई की क्रेडिबिल्टी नहीं
दीपा शर्मा ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं जो दसवीं और बारहवीं कक्षा में पढ़ते हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर स्कूल केवल पढ़ाई का दिखावा कर रहे हैं, जबकि इससे बच्चों को कुछ खास फायदा नहीं हो रहा। इसके साथ पति और वह प्राइवेट जॉब करते हैं और लॉकडाउन दौरान उन्हें पूरा वेतन नहीं मिला। जिस कारण वह फीस भरने से असमर्थ हैं।