अपनी गाड़ी, अपना कानून..इसी कारण धुंध में हादसों का शिकार होते हैं लोग
पटियाला शहर की सड़कों व मुख्य मार्ग पर रात होते ही कानून व नियम नहीं बल्कि गाड़ी चलाने वालों की मनमर्जी चलती है।
प्रेम वर्मा, पटियाला
शहर की सड़कों व मुख्य मार्ग पर रात होते ही कानून व नियम नहीं, बल्कि गाड़ी चलाने वालों की मनमर्जी चलती है। गाड़ी खराब हो जाए या फिर किसी काम से रुकना हो, अधिकतर लोग सड़क पर ही अपनी गाड़ियां रोक देते हैं। यही वजह है कि धुंध के मौसम में सड़क पर खड़ी यह गाड़ियां नजर नहीं आती और हादसे हो जाते हैं। शहर के चार मुख्य मार्गो पर दैनिक जागरण की टीम ने दौरा करने के बाद वहां पर लोगों से बात की। पता चला कि छोटी गाड़ी से लेकर बड़े ट्रक के चालक अपनी मर्जी करते हैं। हालात इतने बुरे हैं कि ट्रक बीच रास्ते में खराब हो जाए, तो उसे रात के समय रास्ते से हटाने या किनारे करने के लिए कोई सुविधा या इंतजाम नहीं होते हैं। यहां तक कि सरकारी कार्य प्रगति पर होने के बावजूद यहां पर किसी भी तरह की चेतावनी बोर्ड या साइन बोर्ड नहीं लगाए जाते हैं। बस व ऑटो चालक भी मनमर्जी करते हुए किसी भी जगह पर अपनी गाड़ी रोक देते हैं।
राजपुरा रोड-सरहिद बाईपास के हालात
बस स्टैंड से राजपुरा जाने वाली रोड पर पुरानी चुंगी, ट्रक यूनियन लाइट्स, हीरा बाग एरिया, पंजाबी यूनिवर्सिटी के इलाके में अक्सर रात के समय लोग सड़क के बीच गाड़ी पार्क करते हैं या रोकने के बाद मस्ती करते नजर आते हैं। यदि इस रोड पर भारी वाहन खराब हो जाएं, तो रात आठ बजे से लेकर सुबह सात बजे तक इसे हटाने के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। इसी तरह अर्बन इस्टेट से स्थित सरहिद बाईपास रोड है, जो राजपुरा रोड को संगरूर रोड से लिक करती है। इस रोड पर रात के समय गाड़ी खराब हो जाए तो साइड करने के लिए या गाड़ी हटाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। गाड़ी के मालिक को अपने लेवल पर कोशिश करनी पड़ती है, जिसके लिए उसे महंगी कीमत नाइट सर्विस की चुकानी पड़ती।
संगरूर रोड पर ऐसे हैं हालात
संगरूर रोड पर आर्मी एरिया है, ऐसे में आर्मी कैंट एरिया वाली रोड पर कई जगह साइन बोर्ड लगे दिखाई देते हैं। यहां पर गाड़ियां हटा भी देते हैं, लेकिन इस रोड पर राजिदरा अस्पताल के बाहर ढाबों पर आने वाले ग्राहकों की रात को संख्या बढ़ जाती है। इस ढाबे के बाहर गाड़ियां रात को मनमर्जी से पार्क कर दी जाती हैं और हटाने के लिए कहने पर खूनी झड़प तक हो जाती है। बावजूद इसके यहां पर गाड़ियां रोड पर खड़ी रहती है, जिससे अक्सर हादसे हो जाते हैं।
सरहिद रोड बनी जानलेवा रोड
सरहिद रोड पर भी धुंध के मौसम में गाड़ियां अक्सर रोड पर ही खड़ी नजर आती है। यहां पर गाड़ी की रफ्तार अधिक होने पर अक्सर हादसा हो जाता है। छह महीने के दौरान इस रोड पर 100 के करीब हादसे हुए हैं, जिसमें 15 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस रोड पर हेमकुंट पेट्रोल पंप से लेकर बारन गांव तक ब्लैक स्पॉट एरिया माना जाता है।
नाभा रोड भाखड़ा नहर पुल का इलाका
नाभा रोड पर सिविल लाइन थाना से लेकर गांव रौणी तक का एरिया अक्सर जानलेवा साबित होता है। आइटीआइ चौक, भाखड़ा नहर पुल एरिया, रौणी गांव के इलाके में रात के समय अक्सर सड़क पर ही गाड़ियां खड़ी होती हैं। इस एरिया में भी खराब होने पर भारी वाहनों को हटाने या ठीक करके किनारे करने के कोई इंतजाम नहीं है।
दो हादसों में जा चुकी है एक जिदगी, बीस लोग जख्मी
समाना व पटियाला में पिछले दो दिनों में दो सड़क हादसों में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, जबकि बीस लोग जख्मी हो चुके हैं। सिटी समाना इलाके में बोलेरो गाड़ी की टक्कर से हरप्रीत सिंह निवासी फतेहगढ़ रेतगढ़ की मौत हुई है। वह चार फरवरी को अपनी बाइक पर रेतगढ़ के नजदीक जा रहा था। इस मामले में बोलेरो गाड़ी के चालक रवि निवासी देवीगढ़ को नामजद किया है। दूसरा हादसा अर्बन इस्टेट बाइपास स्थित चौक पर हुआ, यहां पीआरटीसी बस की टक्कर से बोलेरो कैंपर सवार करीब बीस लोग जख्मी हुए थे। इस मामले में कैंपर ड्राइवर बलकार सिंह निवासी कपूरी गांव की शिकायत पर बस ड्राइवर जसपाल सिंह को नामजद कर लिया है।
एक हफ्ते से मुहिम शुरू कर जागरूक कर रहे : रंजीत सिंह
ट्रैफिक इंचार्ज रंजीत सिंह ने कहा कि पिछले हफ्ते ही सभी ट्रक यूनियन में जाकर ड्राइवरों से बात की थी। इस दौरान इन्हें जागरूक किया था कि ट्रक खराब होने पर झाड़ियां लगाने के बजाय रिफलेक्टर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा रात के समय ट्रैफिक में बाधा बनने वाली गाड़ियों को उठाने के लिए नाइट ड्यूटी पर रिकवरी वैन को लगा दिया है। लेट नाइट के मामले में जिला पुलिस की टीम से तालमेल किया जा चुका है, अब भविष्य में कोई समस्या नहीं आएगी।