अब अध्यापकों को बीएलओ ड्यूटी से छूट, नॉन टीचिग स्टाफ की लगेगी ड्यूटी
सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को बीएलओ की ड्यूटी से छुटकारा दिला दिया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला :
सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की ड्यूटी से छुटकारा दिलाते हुए शिक्षा सचिव ने इस काम के लिए नॉन टीचिग कर्मचारियों की सेवाएं लेने संबंधी राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों को पत्र जारी कर दिया है। इससे पहले संबंधित सब डिविजन मजिस्ट्रेट व अन्य जिला अधिकारियों की तरफ से पिछले कई सालों से वोटों के संशोधन व वोटिग संबंधी ज्यादातर काम के लिए सरकारी स्कूलों में तैनात टीचिग स्टाफ का ही इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि इसके लिए अध्यापकों को करीब 7200 रूपए प्रति वर्ष के हिसाब से अदा भी किए जाते थे, लेकिन इसके बावजूद ज्यादातर अध्यापक यह काम करके खुश नहीं थे। जिसके चलते वह पिछले लंबे समय से इस बीएलओ के तौर पर ड्यूटी से छूट की मांग भी कर रहे थे। राज्य में ज्यादातर सेकेंडरी स्कूलों के अलावा कई प्राइमरी अध्यापकों और स्कूल मुखियों की बीएलओ के तौर पर ड्यूटियां लगी हुई थी।
पिछले दिनों स्कूल एजुकेशन महकमा के सचिव द्वारा राज्य के समूह डिप्टी कमिश्नरों को एक पत्र जारी करते हुए कहा गया है कि परीक्षाओं के दिन चल रहे है। इसलिए अध्यापाकों की बतौर बीएलओ ड्यूटी लगी हाने के कारण स्टूडेंट्स की पढ़ाई का काफी नुक्सान हो सकता है। अगर बीएलओ की ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की जरूरत है, तो यह नॉन टीचिग स्टाफ में से लिए जा सकते हैं। इन कर्मचारियों की सूची भी संबंधित जिला के डीईओ से प्राप्त की जा सकती है। इस पत्र के जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचने के बाद अब इन अध्यापकों को बीएलओ के तौर पर ड्यूटी रोक दी गई है। स्कूल समय के बाद निभाते थे ड्यूटी फिर भी नहीं मिला भत्ता
बीते दिन तक बीएलओ की डयूटी निभाने वाले एक अध्यापक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि परीक्षाओं का समय होने के कारण वह स्कूल समय के बाद ही बीएलओ की ड्यूटी निभाते थे। यह काम काफी परेशानी वाला था, वोटों की संशोधन के लिए इस्तेमाल की जाती एप भी कई बार ठीक तरह काम नहीं करती। जिस कारण एक-एक एंट्री करने के लिए भी काफी समय बरबाद होता था। इसके बावजूद उनको पिछले एक साल का भत्ता नहीं मिला। उन्होंने बताया कि उन्हें साल 2018-19 का भत्ता तो मिल गया, लेकिन साल 2017-18 का अभी तक नही मिला।
कोट्स
आदेशों अनुसार किसी भी अध्यापक को ड्यूटी से रिलीव नहीं किया जाएगा और भविष्य में बीएलओ के लिए नॉन टीचिग स्टाफ को ही तैनात किया जाएगा।
कुलभूषण सिंह बाजवा, जिला शिक्षा अधिकारी।