अब सेवा केंद्र में भी बनेंगे लर्निग ड्राइविग लाइसेंस
आरटीए दफ्तर में लर्निग ड्राइविग लाइसेंस बनाने का कार्य अब सेवा केंद्र में भी होगा।
बलविदरपाल सिंह, पटियाला
आरटीए दफ्तर में लर्निग ड्राइविग लाइसेंस बनाने का कार्य अब सेवा केंद्र में भी होगा। दफ्तर के कर्मचारियों ने सेवा केंद्र के कर्मचारियों को लाइसेंस से संबंधित काम का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। मंगलवार को सेवा केंद्र के कर्मचारियों को दो घंटे ट्रेनिग दी गई। करीब दो साल पहले भी लर्निग ड्राइविग लाइसेंस बनाने का काम सेवा केंद्र में ही होता था, पर दफ्तरी कर्मचारियों ने अपने निजी फायदे के लिए इस काम को ड्राइविग ट्रैक पर शिफ्ट कर दिया। ट्रैक पर कुछ समय यह काम चला। उसके बाद मिनी सचिवालय के ए ब्लॉक में स्थित आरटीए दफ्तर में लाइसेंस बनाना शुरू हो गए। लाइसेंस बनाने में हो रहे फर्जीवाड़े को खत्म करने के मकसद से आरटीए अरविद कुमार ने इस काम को सेवा केंद्र में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। आरटीए के इस फैसले को सराहा जा रहा है, क्योंकि लर्निग ड्राइविग लाइसेंस बनवाने में पब्लिक को परेशानी उठानी पड़ती है।
टोकन सिस्टम से सेवा केंद्र में होगा कार्य
लर्निग ड्राइविग लाइसेंस का काम सेवा केंद्र में शिफ्ट होने पर लोगो को आसानी होगी। केंद्र में यह काम टोकन सिस्टम से होगा। वहीं, इस काम में एजेंटों की घुसपैठ भी खत्म होगी, क्योंकि लंबे समय से एजेंट लर्निग लाइसेंस बनवाने के दौरान होने वाला ऑनलाइन टेस्ट करवाने के लिए अच्छी खासी लूट कर रहे थे। काम सेवा केंद्र में शिफ्ट होने पर अब पब्लिक की लूट भी कम होगी। वहीं दूसरी ओर अब हर व्यक्ति को खुद ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। बेहतर है के अब हर व्यक्ति टेस्ट देने से पहले ट्रैफिक नियम पढ़कर जाएं, वरना व्यक्ति ऑनलाइन होने वाले टेस्ट में फेल हो जाएगा। दोबारा टेस्ट देने के लिए व्यक्ति को दोबारा फीस भरनी होगी।
रात नौ बजे हुए टेस्ट के मामले के बाद हुआ शिफ्ट
दैनिक जागरण ने पिछले हफ्ते लर्निग ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के दौरान होने वाले ऑनलाइन टेस्ट का पर्दाफाश किया था। इस मामले में सामने आया कि ट्रैक का एक कर्मचारी रात नौ बजे भी ऑनलाइन टेस्ट करता रहा। मामले सामने आने से एक बात तो तय है कि कर्मचारियों का एजेंटों से तालमेल रहता है। बिना कर्मचारियों से तालमेल किए एजेंट अपना काम नहीं कर सकते। एजेंट काम करवाने के नाम पर पब्लिक से लूट करते हैं, वही लूट का एक हिस्सा कर्मचारियों को भी जाता है। इसलिए कर्मचारी रात को एजेंटों का काम करते हैं। हालांकि पब्लिक को अपना काम करवाने के लिए दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। प्रशिक्षण के लिए क्लर्क सहित दो ऑपरेटरों की जिम्मेदारी
सेवा केंद्र के कर्मचारियों को लर्निग लाइसेंस बनाने के लिए प्रशिक्षण देने के लिए आरटीए अरविद कुमार ने तीन कर्मियों की ड्यूटी लगाई है। आरटीए से जारी किए पत्र में यह जिम्मेदारी क्लर्क राजेश शर्मा, कंप्यूटर ऑपरेटर नवदीप सिंह व जसवीर कौर को सौंपी गई है। इन तीनों कर्मचारियों ने मंगलवार सुबह सेवा केंद्र कर्मचारियों को दो घंटा ट्रेनिग दी। ट्रेनिग के दौरान सेवा केंद्र कर्मचारियों को बताया गया कि लाइसेंस अप्लाई करने वाले व्यक्ति की फोटो, टेस्ट व उसका ब्यौरा किस प्रकार दर्ज किया जाता है। अगले कुछ दिनों में ही लर्निग ड्राइविग लाइसेंस बनाने का काम सेवा केंद्र में शुरू होगा। महकमे को आस है कि इससे लाइसेंस बनाने के दौरान होने वाला फर्जीवाड़ा खत्म हो जाएगा।