दो विभागों के विवाद में उलझी नाभा की श्मशानघाट की टूटी सड़क
अलहौंरा गेट के श्मशानघाट की टूटी सड़क विभागों के विवाद में एक साल से उलझी है। श्मशानघाट में जाने वाले लोग परेशान हैं और टूटी सड़क से होकर गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों की मांग है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए।
यादविदर गर्गस, (नाभा) पटियाला
अलहौंरा गेट के श्मशानघाट की टूटी सड़क विभागों के विवाद में एक साल से उलझी है। श्मशानघाट में जाने वाले लोग परेशान हैं और टूटी सड़क से होकर गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों की मांग है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए।
परेशान इलाका वासी व दुकानदार
क्षेत्र निवासियों व दुकानदारों में प्रोफेसर दीपक कौशल, दर्शन सिंह, राजिदर सिंह, अमृतपाल सिंह आदि का कहना था कि उक्त क्षेत्र की पिछले कई सालों से टूटी हुई है जिसके कारण वहां राहगीरों, दुकानदारों को तो भारी परेशानियों का सामना करना पड़ ही रहा है साथ ही श्मशानघाट में आने वाले लोगों को सड़क पर जमा गंदे पानी से गुजरना पड़ता है। इस सड़क को कुछ समय पहले बनाने का काम तो पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा शुरू करवा दिया गया था, परंतु नगर कौंसिल ने काम को सीवरेज डालने की बात कहकर बीच में ही रुकवा दिया था। उन्होंने कहा यहां ना सीवरेज डाला गया और ना ही सड़क बनाई गई जिससे रोजाना लोगों को हादसों का शिकार होना पड़ रहा है।
नगर कौंसिल का इस काम से कोई लेना नहीं : संजय
सीवरेज व वाटर सप्लाई विभाग के एसडीओ संजय जिदल का कहना है कि उन्हें पता चला है कि नगर कौंसिल द्वारा बरसात के पानी की निकासी के लिए स्ट्रोम ग्रिड चौक से लेकर कैंट रोड डिस्पोजल तक डालना है उनके विभाग का इससे कुछ लेना देना नही। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन बंकेश शमर ने कहा कि विभाग ने सड़क बनाने के लिए जनवरी में ठेकेदार को काम अलाट किया था, जैसे ही फरवरी में ठेकेदार ने काम शुरू किया तो उन्हें नगर कौंसिल अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सीवरेज डालना है, इसलिए अभी काम बंद कर दिया जाए। काफी समय बाद विभाग ने एसडीएम से बात की तो कोई हल नहीं निकला तो डीसी को पत्र लिखकर कौंसिल के साथ उनके विभाग की बैठक करवाने के लिए कहा गया। पिछले माह हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला और ठेकेदार ने बढ़ी कीमतों का हवाला देकर काम करने से मना कर दिया। जल्द बनेगी सड़क : एपी
नगर कौंसिल के एएमई एपी सिंह ने कहा कि स्ट्रोम डालने के लिए उच्चाधिकारियों को भेजा गया है उसके बाद ही सड़क का निर्माण होना संभव हो सकता है।