डिसमिस सिपाही ने कबूल किया जेल ब्रेक करने वालों को वर्दी व पगड़ी पहनाई
नाभा जेल ब्रेक करने वाले सुलक्खण ¨सह उर्फ सुलतान उर्फ बब्बर सुल्तान को एएसआइ की वर्दी व पगड़ी पहनाने का जुर्म डिसमिस सिपाही मन¨जदर ¨सह ने कबूल कर लिया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला
नाभा जेल ब्रेक करने वाले सुलक्खण ¨सह उर्फ सुलतान उर्फ बब्बर सुल्तान को एएसआइ की वर्दी व पगड़ी पहनाने का जुर्म डिसमिस सिपाही मन¨जदर ¨सह ने कबूल कर लिया है। रिमांड के पहले दिन ही उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है। वर्दी का इंतजाम व पगड़ी बांधने के बदले में मन¨जदर ¨सह ने पैसे लिए थे, जिसका अभी खुलासा होना बाकी है। नाभा कोतवाली इंचार्ज करनैल ¨सह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी सुलक्खन ¨सह ने नकली एएसआइ बनकर जेल का दरवाजा खुलवाया था, जिसकी वर्दी व पगड़ी मन¨जदर ने तैयार करके दी थी। आरोपी मन¨जदर ¨सह निवासी गांव पलासर तरनतारन को अमृतसर के जंडियाला गुरू इलाके से शनिवार को सीआईए स्टाफ राजपुरा ने गिरफ्तार किया था। उसने अपना जुर्म मान लिया है। गौरतलब है कि गैंगस्टर प्रेमा लाहौरिया की बुआ के बेटे मन¨जदर ¨सह ने जेल ब्रेक करने वाले आरोपियों को पुलिस की वर्दी मुहैया करवाई और इनकी पगड़ियां भी बांधी थी। आर्गनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट चंडीगढ़ की इनपुट पर एसपी अमरजीत ¨सह घुम्मण के निर्देशों पर सीआईए स्टाफ राजपुरा के इंचार्ज बिक्रमजीत ¨सह बराड़ ने पुलिस पार्टी के साथ मिलकर उक्त आरोपी को गिरफ्तार किया है। मन¨जदर ¨सह पंजाब पुलिस ने साल 1988 में भर्ती हुआ था लेकिन वह अक्सर अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर रहता था। इस वजह से वह सस्पेंड भी रहा लेकिन बाद में माफीनामा देकर फिर से नौकरी पर आ जाता था। उसकी यह गैरहाजिरी बंद नहीं हुई तो महकमे ने साल 2005 में उसे डिसमिस कर दिया था।