नाभा जेल ब्रेक के लिए आरोपियों ने लूटा था ढ़ाई किलाे सोना, देहरादून में बेचा
नाभा जेल ब्रेक के लिए रकम जुटाने के लिए आरोपियों ने ढ़ाई किलो सोना लूटा था। उन्होंने इसे देहरादून के एक ज्वैलर को 27 लाख रुपये में बेचा था। ज्वैलर काे गिरफ्तार कर किया गया है।
जेएनएन, पटिलाया। नाभा जेल ब्रेक कांड को अंजाम देने वाले आरोपियों ने इस कांड के लिए रकम जुटाने के लिए डकैती डाली थी और डकैती का माल देहरादून में बेचा था। आरोपियों ने मोगा में डकैती डाल कर नकदी क अलावा करीब ढ़ाई किलोग्राम सोना लूटा था। इसमें अहम भूमिका निभाने वाले सुनील कालरा को लेकर पंजाब पुलिस देहरादून पहुंची और वहां पलटन बाजार में एक ज्वैलर के यहां छापा मारा। पंजाब पुलिस ज्वैलर को गिरफ्तार कर देर रात रवाना हो गई। इस ज्वैलर पर आरोपियों से लूट का सोना 27 लाख रुपये में खरीदने का आरोप है।
देहरादून के ज्वैलर को पंजाब पुलिस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है
बीते 27 नवंबर को हुए नाभा जेल ब्रेक कांड ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। जेल ब्रेक के आरोपियों ने इस वारदात से तकरीबन तीन माह पहले 1 अगस्त 2016 को पंजाब के मोगा के मॉडल टाउन थाना क्षेत्र में डकैती डाली थी। यह डकैती जेल ब्रेक कांड के लिए रुपयों का इंतजाम करने को डाली गई थी। इसमें आरोपियों ने नकदी के साथ ही करीब ढाई किलोग्राम सोना लूटा था।
इस सोने को लेकर सुनील कालरा देहरादून आ गया। सुनील ने लूट का यह सोना धीरे-धीरे कर 27 लाख में पलटन बाजार स्थित सिमरन ज्वेलर्स के यहां बेच दिया। इस रकम से जेल ब्रेक में शामिल सुनील कालरा, प्रेमा व अन्य के लिए हथियारों से लेकर वर्दी तक का इंतजाम किया गया। इसका पर्दाफाश इंदौर से सुनील कालरा की गिरफ्तारी होने के बाद हुआ था।
बुधवार को पंजाब पुलिस सुनील को लेकर देहरादून पहुंची व सिमरन ज्वैलर्स पर छापा मारा मालिक रणजीत सिंह को पकड़ा। बताया जाता है कि नाभा जेल ब्रेक प्रकरण के बाद कई आरोपी सीधे दून आए थे। पंजाब पुलिस के साथ बुधवार को दून आए सुनील कालरा ने रायपुर के अमन विहार में वह ठिकाना भी दिखाया जहां जेल ब्रेक की साजिश रची गई थी और जेल ब्रेक के तुरंत बाद चार आतंकियों ने शरण ली थी।
27 नवंबर को नाभा जेल ब्रेक प्रकरण की पूरी पटकथा दून में ही लिखी गई थी। हालांकि, हरिद्वार के मंगलौर में पंजाब पुलिस की वर्दी मिलने से यह बात तकरीबन तय मानी जा रही थी कि आतंकी दून आए थे। इससे बुधवार को वारंट बी पर पंजाब पुलिस की अभिरक्षा में देहरादून पहुंचे सुनील कालरा ने पर्दा उठाया।
उसने बताया कि जेल ब्रेक के बाद आतंकियों और इस प्रकरण को अंजाम देने वाले साजिशकर्ताओं ने अलग-अलग दिशा का रुख किया। सुनील कालरा, प्रेमा, विक्की और नीटा एक ही गाड़ी से उसी रात देहरादून पहुंच गए थे। यहां वह अमन विहार में पूरी रात ठहरे। दूसरे दिन 28 नवंबर को उत्तर प्रदेश के शामली में पेमा के गिरफ्तार होने की भनक लगते ही चारों ने देहरादून छोड़ दिया और हरिद्वार के रास्ते दिल्ली पहुंचे। इसके बाद सुनील कालरा और नीटा को जनवरी में इंदौर में गिरफ्तार कर लिया गया।
सुनील की पत्नी और नौकर पहले हो चुके हैं गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के शामली में पेमा की गिरफ्तारी के बाद सुनील कालरा का नाम भी जेल ब्रेक कांड में सामने आया। दून पुलिस ने उसके अमन विहार स्थित घर पर छापा मारकर उसकी पत्नी गीता और नौकर बिन्नी को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों के पास से नकली पहचान पत्र बनाने के उपकरण और वर्दी में प्रयुक्त होने वाले सामान बरामद हुए थे।
सुनील के घर मिला था बम बनाने का सामान
28 नवंबर को सुनील कालरा के अमन विहार स्थित घर पर छापेमारी में दून पुलिस को बम बनाने का सामान मिला था। इसके अलावा गाड़ियों की नंबर प्लेट, भारत निर्वाचन आयोग का बिना प्रिंट किया हुआ सादा वोटर आइडी कार्ड और 23 बिना प्रिंट आधार कार्ड भी मिले थे।