मुस्लिम व सिखों ने भी शिवलिग पर जल चढ़ाकर दिया एकता का संदेश
फतेहगढ़ साहिब महाशिवरात्रि का पवित्र त्योहार शुक्रवार को जिले के समूह मंदिरों में श्रद्धा व धूमधाम से मनाया गया। कई मंदिरों में मुस्लिम व सिख समुदाय के लोगों ने भी शिवलिग पर जल चढ़ाकर एकता का संदेश दिया।
जागरण टीम, फतेहगढ़ साहिब : महाशिवरात्रि का पवित्र त्योहार शुक्रवार को जिले के समूह मंदिरों में श्रद्धा व धूमधाम से मनाया गया। कई मंदिरों में मुस्लिम व सिख समुदाय के लोगों ने भी शिवलिग पर जल चढ़ाकर एकता का संदेश दिया। सरहिद मंडी स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर, वनखंडी मंदिर, डेरा बाबा मंगल नाथ, श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर तथा विश्वकर्मा मंदिर में वीरवार रात से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लगने लगी थीं। लाइनों में खड़े शिव भक्त हर-हर महादेव तथा बम-बम बोले के जय घोष लगाते हुए पवित्र शिवलिग पर जल चढ़ाने के लिए बारी का इंतजार कर रहे थे। ऐसे भक्तों की लंबी-लंबी कतारों का नजारा सभी मंदिरों में दिखाई दे रहा था। रंग- बिरंगी लाइटों से सजे मंदिरों में मंदिर कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद के रूप में औखले के आटे से पकौड़े व चाय वितरित की जा रही थी। इसके अलावा सरहिद शहर के प्राचीन शिव द्वाला मंदिर, माता नैना देवी मंदिर तथा दशनामी अखाड़े में एवं हमायूंपुर के श्री सनातन धर्म मंदिर, श्री सत नारायण मंदिर तथा ब्राह्मण माजरा के शिव मंदिरों में भी महा शिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया। जबकि सरहिद शहर के मंदिर शिव कमेटी की ओर से करवाई गई संगीतमयी श्री राम कथा के भोग डाले गए और हवन भी करवाया गया। माता नैना देवी मंदिर सरहिद शहर में श्री राधा कृष्णा संकीर्तन मंडली की ओर से कीर्तन किया गया। अधिकांश मंदिरों के अलावा शहर में विभिन्न स्थलों पर सामाजिक व धार्मिक कमेटियों की ओर से शिवरात्रि के उपल्क्षय में श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था की गई थी। मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए शिव भक्तों को भगवान शिव का भांग का प्रसाद भी दिया गया। शिवरात्रि के इस पावन पर्व पर चार पहर की पूजा की जाती है और शिवलिग के चार अभिषेक होते हैं। इस दिन अष्ट गंध तथा पंचामृत से लिगाभिषेक का विशेष महत्व है। पुराणों में महाशिवरात्रि पर्व को महापर्व की संज्ञा दी गई है, आज के दिन श्रद्धा व नियम पूर्वक किए गए व्रत, रुद्राभिषेक व पूजन से वर्षों वर्ष की गई कठोर तपस्या के बराबर फल प्राप्त होता है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस महारात्रि पर भक्तों ने मंदिरों में पूजा-अर्चना की व महादेव से अपनी हर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की।