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आइलेट्स स्टडी सेंटर की आड़ में कबूतरबाजी

मुख्यमंत्री के शहर में इन दिनों इमीग्रेशन आफिस के नाम पर बड़े स्तर पर मानव तस्करी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 07:26 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 07:26 AM (IST)
आइलेट्स स्टडी सेंटर की आड़ में कबूतरबाजी
आइलेट्स स्टडी सेंटर की आड़ में कबूतरबाजी

प्रेम वर्मा, पटियाला

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मुख्यमंत्री के शहर में इन दिनों इमीग्रेशन आफिस के नाम पर बड़े स्तर पर मानव तस्करी हो रही है। इन कंपनियों के आफिस के बाहर आइलेट्स व स्टडी सेंटर के नाम पर बोर्ड लगाने के बाद अंदर विदेश भेजने का सौदा किया जाता है। प्रशासन के नाक तले यह धंधा चल रहा है लेकिन जिला प्रशासन इनकी चेकिग के लिए कुछ नहीं कर पाता।

आइलेट्स सेंटर व इमीग्रेशन आफिस के लिए 25-25 हजार रुपये फीस लेकर इन्हें लाइसेंस जारी कर दिया जाता है लेकिन इन लोगों का पुराना रिकार्ड चेक करने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई जाती है। इससे साबित होता है कि पुलिस थानों में दर्ज केसों को पढ़ने के बाद, जिले में पुलिस हर साल 100 से अधिक कबूतरबाजी के मामले दर्ज कर रही है। इनमें से 25 फीसद केस आइलेट्स सेंटर की आड़ में विदेश भेजने के हैं लेकिन ऐसे सेंटरों का लाइसेंस रद करने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। शहर के विभिन्न इलाकों में 300 के करीब ऐसे सेंटर चल रहे हैं, जहां विदेश जाने के लिए पढ़ाई, विदेश भेजने के लिए वीजा सर्विस व सलाह दी जाती है। इनमें से 60 फीसद सेंटरों के पास लाइसेंस ही नहीं हैं। एसएसपी व डीसी की रिहायश वाले लीला भवन एरिया में ही करीब 25 ऐसे सेंटर हैं, जहां पर विदेश जाने संबंधी स्टूडेंट्स के साथ सौदेबाजी की जाती है। इनमें से कई सेंटरों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। ऐसे चल रहा है गोरखधंधा

सेंटर खोलने के लिए जिला प्रशासन के पास 25 हजार रुपये सरकारी फीस भरकर लाइसेंस हासिल किया जाता है। स्टडी सेंटर के लिए 25 हजार तो इमीग्रेशन आफिस के लिए अलग से 25 हजार रुपये फीस भरनी पड़ती है। फीस भरने के बाद खोले गए आफिस की वर्किंग की चेकिग के लिए पुलिस-प्रशासन के पास कोई इंतजाम नहीं है, जिससे सेंटर के मालिक मनमर्जी करके विदेश भेजने के लिए विद्यार्थियों के साथ सौदेबाजी करते हैं। विदेश न पहुंचने पर लाखों रुपये की ठगी होने पर पुलिस के पास मामला पहुंचने पर केस दर्ज कर लिया जाता है। जिसके बाद विवादित सेंटर का नाम बदलकर नई एप्लीकेशन देकर किसी अन्य स्टाफ या पारिवारिक सदस्य के नाम पर सेंटर दोबारा खोल लिया जाता है। इन सेंटरों पर दर्ज हैं केस

1. लीला भवन स्थित करियर काउंसलिग सेंटर व इसकी मालकिन मीरा तिवारी पर साल 2018 में दो बार केस दर्ज हो चुका है।

2. ओवरसीज स्टूडेंट्स कालेजिस फीस नामक सेंटर का मैनेजर नवजोत सिंह साल 2021 में स्टूडेंट्स के 35 लाख रुपये फरार हुआ। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

3. कुरुक्षेत्र हरियाणा निवासी दंपती को आर व‌र्ल्ड इमिग्रेशन लीला भवन सेंटर ने दिसंबर 2020 में ठगा था। इस संबंध में केस दर्ज करके सूलर रोड निवासी मालिक गुरजंट सिंह गिरफ्तार किया गया था। आइलेट्स सेंटरों की चेकिग के लिए डिप्टी कमिश्नर के साथ मीटिग करते हुए इस पर काम करेंगे। नाम बदलकर सेंटर खोलने वालों पर एक्शन लिया जाएगा, कम फीस व इनकी रूटीन की चेकिग के लिए शेडयूल बनवाएंगे। पुलिस के पास आने वाले मामलों में केस दर्ज कर लिया जाता है। लोगों से ठगी होने से पहले ही ऐसे सेंटरों पर एक्शन लेने का प्लान बनाएंगे।

- विक्रमजीत दुग्गल, एसएसपी


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