पटियाला के सुरजीत ने बनाया सबसे सुंदर शौचालय, केंद्र सरकार ने पुरस्कार देकर बढ़ाया हौसला
राजपुरा के गांव धर्मगढ़ के 32 वर्षीय सुरजीत सिंह को सबसे सुंदर शौचालय बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सम्मानित किया है।
पटियाला [गौरव सूद]। राजपुरा के गांव धर्मगढ़ के 32 वर्षीय सुरजीत सिंह को सबसे सुंदर शौचालय बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सम्मानित किया है। उन्हें यह पुरस्कार केंद्रीय जल मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रस्तरीय स्वच्छ सुंदर शौचालय प्रतियोगिता की व्यक्तिगत श्रेणी में मिला है।
सुरजीत ने सरकार से मिली 15 हजार रुपये ग्रांट की मदद से घर में शादी के 12 वर्ष बाद शौचालय बनाया है। उन्होंने इसे साफ-सुथरा रखने के साथ-साथ इसकी दीवारों पर सफाई का संदेश देती हुई पेंटिंग बनवाई है। इससे जहां शौचालय की सुंदरता बढ़ी, वहीं लोगों को स्वच्छता और जागरूकता का संदेश भी मिलता है। सुरजीत ये पुरस्कार जीतने वाले पंजाब से एकमात्र व्यक्ति हैं। उन्हें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए स्वच्छता महोत्सव के दौरान पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।
पंजाब में लगभग सवा छह लाख शौचालय बनाए गए हैं। व्यक्तिगत घरेलू शौचालय कैटेगरी में सुरजीत का शौचालय स्वच्छ सुंदर शौचालय के लिए चुना गया है। इसके लिए केंद्रीय जल मंत्रालय को पंजाब से लगभग 110 आवेदन मिले थे। प्रत्येक जिले से पांच।
गांव के हर घर में बना शौचालय
अब तक 2600 की आबादी वाले धर्मगढ़ गांव गांव में 31 परिवार बिना शौचालय के रहते थे। यहां लोग अब तक खेतों में शौच करके मुसीबतों को झेलते हुए बड़े हुए लेकिन अब सभी 31 घरों में शौचालय का निर्माण हो चुका है।
पत्नी ने कहा- 12 वर्षों तक खेतों में शौच जाने का कलंक झेला
सुरजीत की पत्नी करमजीत कौर ने बताया उनकी शादी 12 साल पहले हुई थी। शादी के बाद से ही शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता था। यह काफी शर्मनाक था। कभी-कभी ऐसा लगता था कि कोई उनका पीछा कर रहा है या कोई पीछे खड़ा है। बारिश के दौरान स्थिति बदतर हो जाती थी। अब घर में शौचालय है। इसने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिलाया है, जिससे वे काफी खुश हैं।
शौचालय में सफाई का रखा खास ख्यालः सुरजीत
सुरजीत ने बताया कि शौचालय बनाने के बाद उन्होंने उसकी साफ-सफाई का खास ख्याल रखा। उन्होंने शौचालय में टाइल्स लगवाई हैं। उसके बाहर साफ-सफाई रखने का संदेश दे रहे परिवार की पेंटिंग भी बनाई है। उनका ये कॉन्सेप्ट सरकार को पसंद आया और उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।