-तुस्सी नच्चो ता सही, मैं तुहाडे नाल भंगड़ा पावांगा : अश्वनी शर्मा
पटियाला रोंदू जिहा मुंह लै के मेरे कोल आण वाले नेता वर्कर मैनू नी चाहिदे।
जागरण संवाददाता, पटियाला : 'रोंदू जिहा मुंह लै के मेरे कोल आण वाले नेता, वर्कर मैनू नी चाहिदे। जो किसी वी सरकारी आफिस या फिर थाणे च कोई तुहाडी गल नी सुणदा तां, तुरंत धरना ला दिओ। फेर देखो तुहाडी गल किवें नी सुणी जांदी। तुस्सी इक वार नच्चो तो सही, फिर देख मैनू.. मैं की करदां फिर मैं तां तुहाडे नाल भंगड़ा पावांगा' ।
अमर आश्रम में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मिलन समारोह में शिरकत करने आए पंजाब प्रधान अश्वनी शर्मा ने जिला नेताओं सहित, मंडल प्रधान, बूथ प्रधान व कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए कुछ इस तरह के शब्द कहे। उन्होंने साफ कहा कि उनको भाजपा सहित संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है और मैं उसे बखूबी करने के लिए पटियाला आया हूं। दोपहर बाद आयोजित इस प्रोग्राम में कार्यकर्ताओं में काफी जोश देखने को मिला। जिले के नेता ढोल की थाप पर अपने समर्थकों से समारोह स्थल पर पहुंच रहे थे। आश्रम का मैदान भरा हुआ था और मंच पर कुर्सियों को दो कतारें बनाई गई। पहले कतार में प्रदेश स्तर के नेता व दूसरी कतार में जिला स्तर के नेता बैठे। अश्वनी शर्मा ने मंडल प्रधान सहित नेताओं को साफ तौर पर कहा कि वे नेता तभी बन सकते हैं जब वे लोगों की समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे। उनके दुख सुख में जाएंगे, फिर उसके बाद लोग उनके साथ जुड़ते हुए पार्टी के साथ अपने आप जुड़ते चले जाएंगे। उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि अगर कोई नेता उनकी बातों पर खरा नहीं उतरेगा तो वे उसे बदलने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर तीन बजे हुए जिसमें सबसे पहले महिलाओं ने वंदे मातरम गीत गाया । उससे पहले ज्योति जलाकर समारोह का आरंभ किया गया। उन्होंने पूर्व नेताओं का आशीर्वाद मांगते हुए पटियाला विधानसभा की दोनों सीटें भाजपा की झोली में डालने की भी मांग रखी। हालांकि उसके जवाब में अश्वनी शर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद महासचिव प्रवीन बंसल, संगठन मंत्री दिनेश शर्मा ने संबोधित किया और भाजपा के किए कार्य उनके सामने रखे । इसी दौरान मंच पर सचिव जगदीप सोढी, सीमा शर्मा, भूपेश अग्रवाल के अलावा पूर्व प्रधान बलवंत राय, अरुण गुप्ता, अनिल बजाज एवं कई अन्य नेता मौजूद रहे । इससे पहले अश्वनी शर्मा ने प्राचीन मंदिर श्री काली देवी जी व गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब में माथा टेका।