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अब तक 900 घरों से मिला लारवा, नोटिस भेजे

पटियाला भले पटियाला जिले में कोरोना वायरस व बरसाती सीजन के दौरान अब तक डेंगू का कोई भी केस सामने नहीं आया है लेकिन फिर भी सेहत विभाग के लिए डेंगू बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 12:05 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 12:05 AM (IST)
अब तक 900 घरों से मिला लारवा, नोटिस भेजे
अब तक 900 घरों से मिला लारवा, नोटिस भेजे

जागरण संवाददाता, पटियाला :

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भले पटियाला जिले में कोरोना वायरस व बरसाती सीजन के दौरान अब तक डेंगू का कोई भी केस सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी सेहत विभाग के लिए डेंगू बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसका एक कारण यह भी है कि फिलहाल सेहत विभाग के अधिकारियों सहित कर्मचारियों की पूरी टीम कोरोना वायरस के मरीजों को ढूंढ कर उनके सैंपल लेने सहित पॉजिटिव आने वाले लोगों को कोविड केयर सेंटर एवं राजिदरा अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड तक पहुंचाने के कार्य में जुटी हुई है। उधर, सेहत विभाग के अधिकारी कह रहे हैं डेंगू के मरीजों की संभाल के लिए पुख्ता इंतजाम है ।

अब तक सेहत विभाग ने जिले के 2.76 लाख घरों का सर्वे किया है। इस दौरान 900 घरों में लारवा मिला है। जिन घरों में लारवा मिला है कि उक्त घर के मालिकों को विभाग ने चेतावनी नोटिस जारी कर कहा है कि अगर उनके घरों में अगली बार फिर डेंगू का लारवा मिला, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजिदरा अस्पताल व माता कौशल्या अस्पताल सहित, सब डिवीजन राजपुरा, समाना, नाभा के अलावा जिला की आठ सीएचसी में डेंगू का वार्ड बना दिया। इसके साथ ही राजिदरा अस्पताल, माता कौशल्या अस्पताल के अलावा नाभा के सिविल अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए तीन लेबोरेटरी शुरू कर दी है। तीनों लेबोरेटरियों में अब तक 30 से 35 लोगों की जांच की है, लेकिन सभी की रिपोर्ट फिलहाल नेगेटिव पाई गई है।

कोरोना के रोज आ रहे 70 से 80 मरीज फिर भी डेंगू के लिए सजग

जिला एपीडीमॉलोजिस्ट डॉ. सुमित सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी आजकल बहुत ज्यादा फैली हुई है, जिसके कारण करीब 70 से 80 मरीज आ रहे हैं, लेकिन फिर भी डेंगू के लिए वे सजग हैं। रोजाना सेहत विभाग की टीमें घरों में सर्वे करती हैं, जबकि शुक्रवार को ड्राई डे में भी जिले भर में सर्वे होता है। राजिंदरा अस्पताल, माता कौशल्या अस्पताल सहित नाभा सब डिवीजन के सरकारी अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए लैब शुरू कर दी गई है, जहां 30 से 35 तक लोगों की डेंगू के लिए जांच हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले साल करीब 200 डेंगू के मरीज सामने आए थे और दो लोगों की मौत हुई थी। कम मरीज आने का कारण यह रहा कि बीते साल से विभाग ने मार्च से डेंगू के लिए अपनी वर्किंग शुरू कर दी थी जिसका नतीजा अच्छा सामने आया और सिर्फ 200 मरीज ही सामने आए।

लोग होंगे गंभीर तो डेंगू से खुद को बचा सकते हैं : डॉ. मल्होत्रा

सिविल सर्जन डॉ. हरीश मल्होत्रा के मुताबिक लोग डेंगू के प्रति थोड़ा सा गंभीर हो जाएं, तो आने वाले समय में डेंगू से खुद को बचाया जा सकता है। ऐसे में अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, घरों की छत पर पड़े टूटे-फूटे बर्तन में पानी नहीं होना चाहिए। पक्षियों के पीने के लिए रखे गए मिट्टी के बर्तनों को साफ करते रहें। घरों में पड़े गमले मिट्टी के बर्तन या टायरों की भी सफाई करें।


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