Patiala News: माता कौशल्या अस्पताल में डाक्टर स्मार्ट फोन पर देख रहे थे एक्सरे, विरोध होने के बाद फैसला वापस
Patiala News स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के सरकारी माता कौशल्या अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है। यहां एक्सरे फिल्मों की कमी के चलते अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को डाक्टर को एक्सरे रिपोर्ट दिखाने के लिए उनके फोन से एक्सरे की तस्वीर ली है।
जागरण संवाददाता, पटियाला। सरकारी माता कौशल्या अस्पताल में एक्सरे फिल्मों की कमी के कारण मरीजों को एक्सरे रिपोर्ट दिखाने के लिए स्मार्ट फोन का सहारा लेना पड़ा। जिन मरीजों के पास स्मार्ट फोन थे, उन्हें तो समस्या नहीं आई, लेकिन जिनके पास स्मार्टफोन नहीं थे, वह एक्सरे ही नहीं करवा सके। हालांकि अस्पताल प्रशासन द्वारा इस फैसले को एक्सरे फिल्म बचाने की दिशा में लिया गया सकारात्मक कदम बताया जा रहा है, जिसके तहत एक्सरे सीधे डाक्टर के फोन पर भेजने की प्रक्रिया आपनाने को कहा गया था।
इस फैसले के विरोध के बाद अस्पताल प्रशासन ने फैसला वापस लेते हुए एक्सरे फिल्में मंगवा ली हैं और एक बार फिर से एक्सरे का प्रिंट करके जांच के लिए डाक्टर के पास भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के सरकारी माता कौशल्या अस्पताल में एक्सरे फिल्मों की कमी के चलते अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को डाक्टर को एक्सरे रिपोर्ट दिखाने के लिए उनके फोन से एक्सरे की तस्वीर लेकर उसे डाक्टर को दिखाने की प्रक्रिया शुरू की थी।
बहरहाल सरकारी अस्पताल में आने वाले अधिकांश मरीजों के पास स्मार्ट फोन न होने के कारण वह एक्सरे की रिपोर्ट डाक्टर को दिखाने में असमर्थ साबित हो रहे थे। इस दौरान कई मरीजों ने इलाज के लिए आए अन्य मरीजों की सहायता लेकर एक्सरे रिपोर्ट डाक्टर को दिखाई, लेकिन अधिकांश मरीज स्मार्ट फोन न होने के चलते डाक्टर को एक्सरे रिपोर्ट दिखाने में असमर्थ रहे।
नतीजतन, अधिकांश जरूरतमंद मरीजों को बिना इलाज के ही खाली हाथ घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था। फोन पर सही भी नहीं दिखाई देती रिपोर्ट कुछ डाक्टरों ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कहा कि चाहे एक्सरे रिपोर्ट की फोटो स्मार्ट फोन पर खींची जाए, लेकिन वह उसके बावजूद भी उतनी क्लियर नहीं आती जितना एक्सरे फिल्म पर प्रिंट होता है।
स्मार्ट फोन की रिपोर्ट के जरिए मरीज की बीमारी के सूक्ष्म प्वाइंट नहीं पकड़े जा सकते जिसके चलते उसके सही तरीके से इलाज में बाधा उत्पन्न होती है। एक्सरे फिल्म बचाने की दिशा में अस्पताल में एक सकारात्मक पहल शुरू की गई थी।
एक्सरे की रिपोर्ट की फोटो खींचने के लिए मरीज को कहा जाता था और उसके बाद उक्त मरीज वह एक्सरे रिपोर्ट सीधे संबंधित डाक्टर को दिखा सकता था। ऐसे में बिना एक्सरे फिल्मों पर खर्च किए डाक्टर मरीज के फोन पर एक्सरे रिपोर्ट देखकर मरीज का इलाज कर सकते थे, लेकिन इस फैसले के विरोध के बाद फैसला वापस लेते हुए एक्सरे फिल्में मंगवा ली गईं और पुरानी प्रक्रिया के तहत रिपोर्ट प्रिंट करके डाक्टर को दिखाना शुरू कर दिया गया है। डा. संदीप कौर, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, माता कौशल्या अस्पताल।