मैं रिकार्ड तोड़ने के लिए नहीं दौड़ा : धरुण
भले आज का रिकार्ड मेरे नाम रहा है और मैने अपना ही एशियन गोम्स का रिकार्ड तोड़ा है लेकिन मैं आज न तो अपना और न ही किसी अन्य अथलीट का रिकार्ड तोड़ने के लिए मैदान में उतरा था ।
सुरेश कामरा, पटियाला
'भले आज का रिकार्ड मेरे नाम रहा है और मैंने अपना ही एशियन गेम्स का रिकार्ड तोड़ा है। मगर, मैं आज न तो अपना और न ही किसी अन्य एथलीट का रिकार्ड तोड़ने के लिए मैदान में उतरा था। मेरा लक्ष्य केवल आगामी एशियन गेम्स में शामिल होकर अपना बेहतर प्रदर्शन करना था।' चेहरे पर हंसी व होंठों पर मुस्कुराहट के साथ धरुण अय्यासैमी ने 'दैनिक जागरण' के साथ अपने अनुभव बांटते हुए यह बात कही। धरुण ने शनिवार को एनआइएस में 23वीं नेशनल सीनियर एथलेटिक चैंपियनशिप में दूसरे दिन जहां 400 मीटर हर्डल रेस में गोल्ड मेडल जीतकर न केवल अपना ही पिछला रिकार्ड तोड़ा है बल्कि उन्होंने एशियन गेम्स के लिए क्वालीफाई भी किया है।
धरुण ने इससे पहले जकार्ता में गत वर्ष 27 अगस्त को एशियन गेम्स में 400 मीटर हर्डल रेस में 48.96 सेकंड में रेस पूरी करके रिकार्ड बनाया था। जिसे अब उसने 48.80 सेकंड में रेस पूरी करके तोड़ा है। शनिवार को धरुण सहित 9 अन्य एथलीटों ने भी एशियन गेम्स में जगह बनाई है।
तामिलनाडू के जिला त्रिपुर में गांव राउंतपालयम वासी ट्रक ड्राइवर अय्या सैमी के पुत्र धरुण ने बताया कि परिवार में उनकी छोटी बहन सत्यम एथलीट है, जिसने स्कूल गेम्स में नेशनल लेवल पर गेम्स में हिस्सा लिया है। उनके पिता के पास अपना ट्रक था, लेकिन अब वे इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने अपने इस मेडल को अपनी मां पुंगड़ी को समर्पित किया है, जिसके कारण वो आज खेल जगत में अच्छा नाम कमा रहे हैं। उनका लक्ष्य अब एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल करना है।