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पटियाला में ले. कर्नल के घर की खुदाई से मिले Grenade व AK-47 राइफल

लेफ्टिनेंट कर्नल के घर की खुदाई के दौरान 4 ग्रेनेड (Grenade) AK-47 राइफल एक स्टेन गन एक मैगजीन स्टेन गन बट्ट स्टेनगन AK-47 राइफल बरामद हुई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 12:40 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 12:40 PM (IST)
पटियाला में ले. कर्नल के घर की खुदाई से मिले Grenade व AK-47 राइफल
पटियाला में ले. कर्नल के घर की खुदाई से मिले Grenade व AK-47 राइफल

जेएनएन, पटियाला। Military area के नजदीक स्थित प्रताप नगर में करीब 42 साल पुराने घर की खुदाई के दौरान मजदूरों को मिट्टी में दबे 4 ग्रेनेड (Grenade), AK-47 राइफल, एक स्टेन गन, एक मैगजीन स्टेन गन, बट्ट स्टेनगन, AK-47 के 4 कारतूस, राइफल साफ करने वाले दो फुलतरू (ब्रश), स्टेनगन के 15 कारतूस व एक डिबिया डेटोनेटर मिले है। इन Grenade's को डिफ्यूज करने के लिए जालंधर से विशेष टीम को पटियाला आना था, लेकिन कुछ प्रबंधकीय कारणों के चलते टीम पटियाला नहीं पहुंच सकी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि Grenade को सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया गया है और शनिवार को टीम द्वारा इन्हें डिफ्यूज करवा दिया जाएगा।

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बता दें, जिस घर की खुदाई के दौरान ये असलहा मिला है वह लेफ्टिनेंट कर्नल जसमेल सिंह का है, लेकिन ये हथियार उनके घर के नीचे कहां से आए इस संबंधी उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल थाना सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों खिलाफ मामला दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।

उधर, थाना सिविल लाइन के एसएचओ रमनजीत सिंह ने बताया कि AK-47 और स्टेनगन जमीन में दबाने और पुरानी होने के कारण नकारा हो चुकी हैं, लेकिन Grenade से खतरा है, इसलिए Grenade को शहर से बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर रखवाया गया है, ताकि इससे किसी को कोई नुकसान न पहुंचे।

Military area के नजदीक 1976 में बना था मकान

Military area के नजदीक स्थित प्रताप नगर में लेफ्टिनेंट कर्नल जसमेल सिंह अपने पुराने घर को तोड़कर दोबारा बनवा रहे थे। वीरवार को जब मजदूरों द्वारा नींव की खुदाई की गई तो मिट्टी में दबे हुए हथियार दिखने शुरू हो गए। ले. कर्नल जसमेल सिंह का यह घर साल 1976 में बना था। उस समय Military area के नजदीक वाले इस इलाको में आबादी नाममात्र थी। खाली प्लॉट लेकर उस समय कर्नल ने मकान बनवाया था।

धूप में रहने से फट सकते हैं Grenade

मिलिट्री से रिटायर्ड अजायब सिंह ने बताया कि Grenade कई साल पुराने थे, इसलिए डर था कि वो थोड़ी देर धूप में पड़े रहने से भी फट सकते थे। इन Grenade की रेंज करीब 500 मीटर तक की होती है। चाहे ये धरती के नीचे थे, लेकिन ये छत पर बैठे व्यक्ति को भी घायल कर सकते थे। इस Grenade के चलने पर इससे गोली जैसे छर्रे निकलते हैं। सभी हथियार थैले में डालकर थाने ले जाए गए।

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