बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया बताई
सामाजिक सुरक्षा और स्त्री व बाल विकास विभाग ने बच्चा गोद लेने (अडाप्शन) के लिए जागरूकता के लिए थापर कॉलेज में पांच जिलों की प्रशिक्षण-कम-वर्कशॉप करवाई।
जेएनएन, पटियाला : सामाजिक सुरक्षा और स्त्री व बाल विकास विभाग ने बच्चा गोद लेने (अडाप्शन) के लिए जागरूकता के लिए थापर कॉलेज में पांच जिलों की प्रशिक्षण-कम-वर्कशॉप करवाई। जिसमें पटियाला, संगरूर, एसएएस नगर फतेहगढ़ साहिब और बरनाला के अलग-अलग विभागों और बच्चा गोद लेने के चाह्वानों को टिप्स दिए गए। उन्होने कहा कि बच्चा गोद लेने के लिए 'हिदू अडॉप्शन एंड मेटेनेंस एक्ट 1956' और जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन) एक्ट 2015 के अंतर्गत किए उपबंधों का पालन जरूरी है।
एडीसी (विकास) डॉ. प्रीति यादव ने कहा कि लोगों और परिवारों के मन में बच्चे को गोद लेने के लिए कई शंकाएं होती हैं, जिन्हें वर्कशॉप दूर करेगी। उन्होंने कहा कि जब किसी बच्चे को कानूनी ढंग का पालन कर गोद लिया जाएगा, तो भविष्य में बहुत सी परेशानियों से बचा जा सकेगा। वर्कशॉप में बाल भलाई समिति मोहाली के चेयरमैन जगरूप सिंह, स्टेट अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी से प्रोग्राम मैनेजर शैली मित्तल ने बच्चे को गोद लेने के लिए मौजूदा कानूनी तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी गोद लिए बच्चे के भविष्य और हकों की चौकीदारी के लिए यह कानून बड़े ही प्रभावशाली हैं।
उन्होंने बताया कि बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ शुरू होती है। उन्होंने बताया कि यदि कोई बच्चा गोद लेने का इच्छुक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकता, वह अपने जिलों के बाल सुरक्षा यूनिट के साथ संपर्क कर सकता है। वहीं, सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी से विशेष तौर पर आई शालिनी ने देश और विदेश में बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया बारे जानकारी दी।
इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी गुलबहार सिंह तूर, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी हरप्रीत कौर संधू और पांच जिलों के शिक्षा, सेहत, पुलिस, बाल सुरक्षा विभाग के अधिकारियों सहित बच्चे गोद लेने के इच्छुक मौजूद थे।