पंजाब में अवैध शराब फैक्टरी मामले ED ने शुरू की जांच, पुलिस ने नहीं सौंपा रिकॉर्ड
इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने पंजाब में अवैध शराब फैक्टरी मामले में जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने अभी तक ईडी को रिकार्ड नहीं सौंपा है।
जेएनएन, पटियाला। शंभू-अंबाला रोड पर पकड़ी गई अवैध शराब फैक्टरी मामले में पुलिस ने राज्य सरकार के निर्देश न होने का हवाला देते हुए इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) को रिकॉर्ड नहीं दिया। इसके बावजूद ईडी ने मामले की जांच शुरू कर दी। ईडी का कहना है कि पुलिस को रिकॉर्ड सौंपना चाहिए। मामला हाईप्रोफाइल होने व कांग्रेस सरपंच समेत अन्य के फैक्टरी से संबंध होने को लेकर आम आदमी पार्टी व अकाली दल लगातार सरकार को घेर रहे हैं। घनौर के कांग्रेस विधायक मदनलाल जलालपुर पर भी शराब माफिया को शह देने के आरोप लगे हैं।
ईडी अधिकारियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस केस में पड़ताल शुरू हो चुकी है। अपराध को रोकने के लिए ही ईडी बनी है। ईडी अपने लेवल पर ही जांच करेगी। इसके लिए सुबूत व दस्तावेज भी जुटाए जाएंगे। उधर, पटियाला पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार से निर्देश मिलने के बाद ही पुलिस महकमा इस केस संबंधी दस्तावेज ईडी को सौंपेगा। हालांकि इस बारे में एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू ने आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की।
पटियाला पुलिस पहले ही इस मामले में शंभू थाना के इंचार्ज रहे प्रेम सिंह व एक एएसआइ को सस्पेंड कर पुलिस लाइन भेज चुकी है, जिनसे ईडी पूछताछ भी करेगी। उधर, सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि एफआइआर करके हम केस की जांच कर रहे हैं और इसमें लीगल राय भी ले रहे हैं। जो जरूरी होगा वह किया जाएगा।
यह है मामला
13 मई की रात को डीएसपी घनौर मनप्रीत ङ्क्षसह व एक्साईज महकमे की टीम ने शंभू-अंबाला रोड पर एक कोल्ड स्टोर में रेड की थी। बंद पड़े कोल्ड स्टोर में अवैध शराब बनाने का काम चलता था। पुलिस ने पहले आरोपित अमित कुमार, फिर दीपेश कुमार को गिरफ्तार किया। इसके बाद कांग्रेस सरपंच अमरीक ङ्क्षसह खानपुर खुर्द ने आत्मसमर्पण किया तो उसकी निशानदेही पर हरदीप को गिरफ्तार कर लिया। अब आरोपित हरप्रीत सिंह थूही व विजय ङ्क्षसह की गिरफ्तारी बाकी है।