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एक साल में चावल, दाल, आटा, दूध हुआ महंगा

बढ़ती महंगाई से आम लोगों के घरों का गुजारा मुश्किल भरा होता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 11:58 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 11:58 PM (IST)
एक साल में चावल, दाल, आटा, दूध हुआ महंगा
एक साल में चावल, दाल, आटा, दूध हुआ महंगा

जागरण संवाददाता, पटियाला : बढ़ती महंगाई से आम लोगों के घरों का गुजारा मुश्किल भरा होता जा रहा है। आटा, दाल, चावल जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने से महिलाओं की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। पिछले एक वर्ष में आटा, दाल, चावल आदि की कीमतों में जहां लगभग 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जबकि खाद्य तेल में लगभग 30 से 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है। बढ़ती महंगाई के कारण महिलाओं को अपने कई खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है। इसके बावजूद उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि रसोई के खर्च को वह कैसे व्यवस्थित करें। सामान्य चावल के दाम में दो से तीन रुपये किलो की वृद्धि हुई है। जबकि ब्रांडेड चावल का रेट 10 रुपये किलो बढ़ गया है। आटे के दाम में छह से सात रुपये और सूजी के दाम में दो रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, दालों के दाम भी 10 से 20 रुपये किलो तक बढ़ गए हैं। हालांकि सब्जियों की कीमतों में गिरावट रही।

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जानकारी अनुसार जून से अगस्त तक जहां आटा, दाल और चावल की कीमतों में कुछ खास बदलाव नहीं आया, वहीं खाद्य तेल की कीमतों कटौती जरूर हुई हैं। जून 2022 में रिफाइंड की कीमत जहां 170 रुपये प्रति लीटर थी, जोकि कम होकर 145 से 150 रुपये प्रति लीटर रह गई है। वहीं जून 2022 में सरसों के तेल की कीमत 180 रुपये प्रति लीटर थी, वह अगस्त में कम होकर 155 से 160 रुपये प्रति लीटर रह गई है। इससे आम जनता को कुछ राहत जरूर मिली है। इसलिए बढ़े खाद्य सामग्री के दाम

बाजार के जानकारों के मुताबिक खाद्य सामग्री व रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम में वृद्धि के कई कारण हैं। आटा के दाम गेंहू के दाम बढ़ने व खाद्य सामान में जीएसटी लगने से बढ़े हैं। कच्चे माल के दाम में इजाफे के कारण फास्ट मूविग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) गुड्स के दाम में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा पैकेजिग में बदलाव के कारण भी दाम बढ़े हैं। महंगाई ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। खाद्य पदार्थो के पहले के और अब के दाम

सामग्री पूर्व रेट मौजूदा दाम

चावल...........30 रुपये......35-40 रुपये

लोकल आटा...... 25 रुपये......28 रुपये

अरहर दाल....... 80 रुपये......90 रुपये

उड़द दाल........100 रुपये.....120 रुपये

मूंग दाल.........95 रुपये......120 रुपये

चना दाल.........70 रूपए.......80 रुपये

गुड़.............45 रुपये.......50 रुपये

चीनी ............35 रुपये.......40 रुपये

सरसों तेल.........90 रुपये......160 रुपये

रिफाइंड...........95 रुपये......150 रुपये

दूध..............48 रुपये......60 रुपये

आलू.............35 रुपये....... 25 रुपये

प्याज............45 रुपये.......20 रुपये

टमाटर............50 रुपये.......35 रुपये

तोरी.............40 रुपये.......30 रुपये

पेठा..............40 रुपये.......30 रुपये पैकिंग पर जीएसटी लगने से बढ़े दाम

गैर ब्रांडेड खाद्य सामग्री पर 25 किलो तक की पैकिग पर जीएसटी लगने से रेट में वृद्धि हुई है। जो सेला चावल पहले 40 से 90 रुपये किलो तक बिकता था। उसी का दाम अब बढ़कर 50 से 100 रुपये किलो हो गया है। सामान्य चावल के दाम में एक-दो रुपये किलो की ही वृद्धि हुई है।

अभिषेक, किरयाना दुकानदार महंगाई रसोई का बजट बिगाड़ रही

सरकार महंगाई पर ध्यान नहीं दे रही है। महंगाई रसोई का बजट बिगाड़ रही है। सब्जी महंगी होने के साथ दाल, चावल और आटे का रेट भी अब बढ़ गया है। आखिर सामान्य आदमी खाए तो क्या? ऐसे में रसोई का बजट बनाने में बहुत मुश्किल हो रही है।

अनुराधा शर्मा, गृहिणी


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