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पंजाब में सांस लेना हुआ मुश्किल, वायु प्रदूषण से बुरा हाल, बठिंडा में एक्यूआइ चार सौ पार

पंजाब में भी वायु प्रदूषण से बुरा हाल है और कई शहरों में तो सांस लेना मुश्किल हो गया है। राज्‍य में एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार बढ़ रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 11:41 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 11:41 AM (IST)
पंजाब में सांस लेना हुआ मुश्किल, वायु प्रदूषण से बुरा हाल, बठिंडा में एक्यूआइ चार सौ पार
पंजाब में सांस लेना हुआ मुश्किल, वायु प्रदूषण से बुरा हाल, बठिंडा में एक्यूआइ चार सौ पार

पटियाला, [गौरव सूद]। पंजाब में लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। वायु प्रदूषण के स्‍तर में वृद्धि से कई शहरों में तो बुरा हाल हो गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 400 पार कर गया। बठिंडा में एक्यूआइ 406 (पीएम 10) दर्ज किया गया। यह दिल्ली के एक्यूआइ 454 से कुछ ही पीछे है। हालांकि हर साल धान की कटाई के समय पराली जलने से एयर क्वालिटी इंडेक्स जरूर बिगड़ता है, लेकिन इससे पहले कभी किसी शहर का आंकड़ा चार सौ पार नहीं गया। राज्‍य में दो दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में 129 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। 

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दो दिन में एयर क्वालिटी इंडेक्स में 129 अंकों की बढ़ोतरी

इससे साफ है राज्‍य में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भले ही पिछले साल से इस साल कम पराली जलाने का दावा कर रहा है, लेकिन हालात कुछ अलग ही है। पिछले साल की अपने इस बार घटने के बजाय प्रदूषण बढ़ना खतरनाक स्थिति की ओर इशारा कर रहा है।

406 के एक्यूआइ के साथ बठिंडा पहले नंबर पर, खन्ना 331 व पटियाला 226

हालात यह है कि हवा की गुणवत्ता के इस स्तर में लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी है। बठिंडा के बाद लुधियाना जिले का खन्ना एक्यूआई 331 के साथ राज्य में दूसरे व 226 के साथ पटियाला तीसरे स्थान पर है। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) के अनुसार वीरवार के मुकाबले शुक्रवार को इंडेक्स में 129 अंकों की बढ़ोतरी हुई। पीपीसीबी के मुताबिक हवा के जहरीली होने का कारण हवा में पार्टिकुलेट मैटर के स्तर में वृद्धि होना है।

पटियाला की हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर लगातार बढऩे से हवा प्रदूषित हो रही है। हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 60 और पीएम 10 की मात्रा 100 होने पर हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन राज्य की हवा में इसकी निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।

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तय मानक एक्यूआइ (पीएम-10)

0-50- अच्छा

51-100- संतोषजनक

101-200- सामान्य (फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए हानिकारक)

201-300- खराब (ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ)

301-400- ज्यादा (लंबे समय तक सांस लेने से सांस की बीमारी का खतरा)

401-500- बहुत ज्यादा (स्वस्थ लोगों के लिए हानिकारक और बीमार व्यक्तियों के लिए अति खतरनाक)

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पीपीसीबी की टीमें कारण पता करने में जुटीं

पीपीसीबी के मेंबर सेक्रेटरी करूणेष गर्ग ने बताया कि बठिंडा का एक्यूआइ बिगडऩे के कारणों का पता लगाने में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीमें जुटी हैं। फिलहाल इसका कारण स्थानीय लग रहा है। एक्यूआइ को हर घंटे मॉनीटर किया जा रहा है। अगर दो-तीन दिन तक ऐसी स्थिति रहती है तो यह ङ्क्षचताजनक है, लेकिन उम्मीद है कि कल तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा।

बाकी जिलों का भी बुरा हाल

फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, संगरूर, बरनाला, सरहिंद व मुक्तसर साहिब में भी पूरा दिन सूर्य नहीं दिखा। अस्पतालों में भी सांस व आंखों मेंं जलन के मरीजों की संख्या आम दिनों के मुकाबले बढ़ी नजर आई। बताया जा रहा है कि बठिंडा में अब तक 1342 जगहों पर पराली जलाई जा चुकी है। फरीदकोट में पराली जलाए जाने की 777, फिरोजपुर में 2268, मोगा में 536, फाजिल्का में 315 घटनाएं सामने आई हैं।

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इस मौसम में बाहर कम निकलें : डॉ प्रदीप कुंदरा

पटियाला के डॉ. प्रदीप कुंदरा ने कहा कि प्रदूषण ज्यादा होने के कारण कोशिश करें कि घर से ज्यादा बाहर न निकलें। अगर कहीं जाना जरूरी हो तो मुंह ढककर जाएं। ज्यादा सैर से भी परहेज करें। ज्यादा लिक्विड डाइट लें।

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