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एएसआइ का हाथ काटने वाला डेरा प्रमुख पहले भी रहा है कई आपराधिक वारदातों में शामिल

पंजाब के पटियाला में पुलिस दल पर हमला करने और एएसआइ का हाथ काटने वाला डेरा प्रमुख पहले भी आपराधिक वारदातों में शामिल रह चुका है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 09:07 PM (IST)
एएसआइ का हाथ काटने वाला डेरा प्रमुख पहले भी रहा है कई आपराधिक वारदातों में शामिल
एएसआइ का हाथ काटने वाला डेरा प्रमुख पहले भी रहा है कई आपराधिक वारदातों में शामिल

पटियाला, [प्रेम वर्मा/देव मान]। सनौर थाना सब्जी मंडी के बाहर कर्फ्यू ड्यूटी पर तैनात एएसआइ का हाथ काटने वाला डेरा प्रमुख बलविंदर सिंह पहले भी कई आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है। सात साल पहले भी वह एक निहंग की कलाई व टांगें तोड़ चुका है। वर्ष 2013 में आनंदपुर साहिब के गुरुद्वारा दीप सिंह नगर के 65 वर्षीय निहंग स्वर्ण सिंह को गुरुद्वारा श्री खिचड़ी साहिब के डेरे में रात काटनी पड़ी थी।

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सात साल पहले निहंग की तोड़ी थी टांगें, जमीन पर कब्जा करने, मारपीट और चोरी के मामले में भी है नामजद

सात साल पहले सुबह उठने पर निहंग स्वर्ण सिंह ने अपने घोड़ों के लिए चारा मांगा तो बलविंदर सिंह व उसके समर्थकों ने जानलेवा हमला कर कलाई और पैर तोड़ दिए थे। स्वर्ण  के बयान पर सदर थाना समाना में बलविंदर सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ 86 नंबर मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में दोनों गुटों के बीच समझौता होने पर वर्ष 2015 में सभी आरोपित बरी हो गए थे।

14 साल पहले जमीन पर कब्जे के लिए किया था हमला

गांव बलबेड़ा में 14 साल पहले वर्ष 2006 में भी बलविंदर सिंह और उसके समर्थकों ने पंचायत की जमीन पर कब्जा करने की नीयत से सरबजीत ङ्क्षसह व साथियों को हमला कर जख्मी कर दिया था। इस मामले में भी बलविंदर सिंह और समर्थकों के खिलाफ मुकदमा नंब 393 में केस दर्ज किया गया।

वर्ष 2009 में इस मामले में भी समझौता हो गया और सभी आरोपित बरी हो गए। वर्ष 2010 में सदर थाना समाना में बलविंदर सिंह, दर्शन सिंह, गुरचरन सिंह के खिलाफ मारपीट व चोरी का केस दर्ज किया गया था। यह केस भी समझौते के बाद रद हो गया था।

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2014 में नाबालिग बेटे को गिरफ्तार करने पहुंचे इंस्पेक्टर पर किया था हमला

वर्ष 2014 में पटियाला में सड़क हादसे में गुलजार सिंह नाम के व्यक्ति की मौत हो गई थी। जिस स्कॉर्पियो गाड़ी ने टक्कर मारी थी उसे डेरे के मुखी बलविंदर सिंह का बेटा जगमीत सिंह चला रहा था। जगमीत की उम्र करीब 16 साल थी। पटियाला सदर थाना पुलिस जब आरोपित को पकडऩे पहुंची थी तो बलविंदर सिंह थाना सदर के तत्कालीन इंचार्ज (वर्तमान में डीएसपी) जसविंदर सिंह टिवाणा पर बरछे से हमला करने के लिए दौड़ा था। यह केस अदालत में विचाराधीन है।

बलविंदर की हरकतों से परेशान होकर अलग रह रही है पत्‍नी 

बलविंदर सिंह की हरकतों से गांव के लोग ही नहीं बल्कि उसकी पत्नी भी परेशान थी। पांच साल से अधिक समय से पत्‍नी डेरे से अलग गांव अमरगढ़ में बेटी के साथ रहती है। एएसआइ पर हमले के बाद पुलिस ने उसका पता लगाया। पति से अलग रहने के कारण पत्‍नी और बेटी को केस में नामजद नहीं किया गया।

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