दावा, बेटे की मौत वाहन की टक्कर से हुई, पुलिस बोली, टायर फिसला था
पोलो ग्राउंड रोड पर दो हफ्ते पहले हुई बलविदर बब्बू की मौत के मामले की फाइल पुलिस ने बंद कर दी है।
प्रेम वर्मा, पटियाला : पोलो ग्राउंड रोड पर दो हफ्ते पहले हुई बलविदर बब्बू की मौत के मामले की फाइल पुलिस ने बंद कर दी है। दूसरी ओर परिवार ने दावा किया है कि बेटे की मौत किसी वाहन की टक्कर से हुई है। बावजूद इसके एएसआइ ने कार्रवाई करने के बजाय टायर फिसलने के कारण हादसा होने की बात कहते हुए पोस्टमार्टम कर केस बंद कर दिया। इससे नाराज परिवार वालों ने सीनियर पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई है कि केस की जांच किसी अन्य पुलिस अधिकारी से करवाते हुए इंसाफ दिलाया जाए। मृतक बलविदर बब्बू की बुजुर्ग मां आशा देवी ने कहा कि बेटे की मौत से घर में कमाने वाला कोई नहीं रह गया। बब्बू इकलौता सहारा था। आशा देवी ने कहा कि बेटे की मौत का कारण जानने व इंसाफ पाने के लिए सीनियर पुलिस अधिकारियों से गुहार लगा रही है, यदि जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकती है। 32 साल का बलविदर कुमार बब्बू कपड़े की दुकान पर काम करता था और मां आशा देवी के साथ पाठक विहार में किराए के मकान में रहता था। 6 अक्टूबर को बलविदर से उसका दोस्त गोल्डी मिलने आया। इसके बाद दिनभर दोनों घर पर साथ थे। शाम को करीब आठ बजे बलविदर स्कूटी पर गोल्डी को घर छोड़ने जा रहा था। पोलो ग्राउंड रोड पर एक दो पहिया वाहन की एजेंसी के पास दोनों जख्मी हालत में मिले थे जिन्हे राहगीरों ने राजिदरा अस्पताल पहुंचाया। यहां बलविदर की मौत हो गई जबकि गोल्डी बच गया। आशा देवी ने कहा कि बेटे की मौत के कारण वह सदमे में थी। ऐसे में एएसआइ जनक राज ने जहां पर हस्ताक्षर करने को कहा, उन्होंने कर दिए। बाद में पता चला कि पुलिस ने इस मामले को टायर फिसलने के कारण हादसा होना बताकर केस बंद कर दिया।
यह सवाल जो मांग रहे जांच
1. घटनास्थल के नजदीक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनकी फुटेज चेक नहीं की गई।
2. हादसे वाली जगह पर एक अन्य व्हीकल के टूटे पुर्जे भी मिले हैं।
3. ऐसा कोई चश्मदीद नहीं, जिसने टायल फिसलने के कारण हादसा होते देखा।
4. हादसे में बब्बू के दोस्त गोल्डी की जान बच गई, जिससे गंभीरता से पूछताछ नहीं की गई।
5. टायर फिसलने से स्कूटी गिरी थी तो स्क्रैच क्यों नहीं और न ही बलविदर के कपड़े फटे थे।
पीड़ित परिवार मिले, दोबारा जांच करेंगे: थाना इंचार्ज
थाना सिविल लाइन के इंचार्ज राहुल कौशल ने कहा कि अगर पीड़ित परिवार को लगता है कि सही कार्रवाई नहीं हुई है तो वह उनसे आकर मिले। इस मामले में दोबारा से जांच करवाएंगे, फिलहाल अभी तक उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं मिल पाई है।