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फरवरी तक शिफ्ट होनी थी डेयरियां, तय समय पर नहीं पूरा हो सका काम

पटियाला शहर से डेयरियां बाहर करने का काम कुछ महीने और टल सकता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 11:49 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 11:49 PM (IST)
फरवरी तक शिफ्ट होनी थी डेयरियां, तय समय पर नहीं पूरा हो सका काम
फरवरी तक शिफ्ट होनी थी डेयरियां, तय समय पर नहीं पूरा हो सका काम

जागरण संवाददाता, पटियाला : शहर से डेयरियां बाहर करने का काम कुछ महीने और टल सकता है। फरवरी तक डेयरी शिफ्टिग के नगर निगम के दावे खोखले साबित हुए। एक साल के बाद साइट की महज चारदीवारी और सीवरेज लाइनों का काम हुआ। डाउन लेवल को ठीक करने के लिए मिट्टी डालने के लिए एक बार फिर डीपीआर तैयार कर सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई है। प्रोजेक्ट में देरी पर भी निगम अधिकारी स्थिति संतोषजनक बता रहे हैं।

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डेयरी प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम निपटाने के लिए तीन बार समय सीमा निश्चित की गई, परंतु फरवरी निकल जाने तक काम पेंडिग है। निगम मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने छह अक्टूबर को साइट का दौरा करते हुए फरवरी तक शहर से डेयरी शिफ्टिग शुरू होने का दावा किया था। निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर ने 12 अक्टूबर को इस प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम जनवरी 2020 तक पूरा होने का बयान दिया था। वहीं, मुख्यमंत्री की बेटी जयइंदर कौर ने उसके बाद 11 नवंबर को साइट का जायजा लेते हुए अधिकारियों को 15 फरवरी 2020 तक पहले चरण का काम पूरा करने को कहा था।

..चीफ इंजीनियर को फिर डीपीआर भेजी

जमीन का लेवल काफी डाउन था जिस कारण लेवल ठीक करने के लिए मिट्टी डालने और सड़कों के लिए एक बार फिर डीपीआर चीफ इंजीनियर को मंजूरी के लिए भेजी गई है। डेयरी संचालकों को सुविधा देकर ही यहां शिफ्ट किया जा सकता है। फंडों की कहीं कोई कमी नहीं है। प्रोजेक्ट जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

..पूनमदीप कौर. कमिश्नर नगर निगम।

आधुनिक प्रोजेक्ट के साथ ग्रीन बेल्ट

नाभा रोड पर स्थित भाखड़ा नहर से सटे गांव अबलोवाल में 22 एकड़ जमीन पर करीबन पांच करोड़ 66 लाख रुपये की लागत से डेयरी प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। प्रोजेक्ट में एक गोशाला, ट्यूबवेल, वेटरनरी डिस्पेंसरी, एमसी आफिस, मिल्क कलेक्शन सेंटर, बायोगैस प्लांट, गार्बेज कलेक्शन प्वाइंट, फीड केंद्र, शॉपिग कांप्लेक्स और सोलर प्रोजेक्ट का प्रस्ताव है। डेयरी प्रोजेक्ट के चारों और करीब 50 फुट चौड़ी ग्रीन बेल्ट रखी जाएगी, जिसे डेयरी संचालक पार्क के तौर पर प्रयोग कर सकेंगे। 250 डेयरियां होगी शिफ्ट

पूरे प्रोजेक्ट के अधीन 250 डेयरियां स्थापित किए जाने की योजना है, लेकिन पहले पड़ाव में करीब 120 डेयरियां शिफ्ट की जाएंगी। सर्वे के मुताबिक शहर में करीबन छह हजार पशु हैं। इस प्रोजेक्ट में तीन हजार पशुओं का प्रबंध है। कुछ डेयरी संचालक अपने स्तर पर शहर से दूर जा रहे हैं। प्रोजेक्ट में छोटी बड़ी डेयरी के लिए 150 से 500 गज तक के प्लाट रखे जाएंगे। प्लॉट अलॉटमेंट जरूरत के हिसाब से होंगे। शिफ्ट किए जाने वाले डेयरी संचालकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुख्य सड़कों की चौड़ाई 60 फुट और अन्य अंदरुनी सड़कों की चौड़ाई 40 फुट रखी गई है।

दो हिस्सों में पूरा होगा डेयरी प्रोजेक्ट का काम

2003 से लंबित इस प्रोजेक्ट पर काम कैप्टन अमरिदर सिंह की पूर्व सरकार की समयावधि के दौरान शुरू हुआ था। जिसके बाद प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, पहले फेस में 22 एकड़ जमीन पर सभी सुविधाएं तैयार करना है। दूसरे चरण में शहर से डेयरियां शिफ्ट होंगी। जरूरत के मुताबिक दूसरी सुविधाएं तैयार की जाएंगी।

प्लाट के रेट भी हुए कम

पहले प्रोजेक्ट के तहत पांच हजार से सात हजार प्रति वर्ग दाम आंके जा रहे थे। अब दाम एक हजार से तीन हजार तक तय हुआ है। वहीं, पहले अधिकतम पांच सौ गज का प्लाट देने का फैसला किया गया था अब जरूरत के मुताबिक आवेदक सात सौ से हजार गज तक प्लाट ले सकेंगे। --संजय वर्मा--


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