बिना दस्तावेजों ड्राइविग लाइसेंस जारी करने का मामला पहुंचा कोर्ट
ड्राइविग ट्रैक पर बिना दस्तावेजों के ड्राइविग लाइसेंस जारी करने का मामला कोर्ट में पहुंच चुका है।
जागरण संवाददाता:पटियाला : ड्राइविग ट्रैक पर बिना दस्तावेजों के ड्राइविग लाइसेंस जारी करने का मामला कोर्ट में पहुंच चुका है। इस मामले को लेकर कोर्ट द्वारा आरटीए दफ्तर के एक स्टैनो, 2 क्लर्क और एक पूर्व एटीओ को समन जारी किए हैं। हालांकि कोर्ट द्वारा सम्मान जारी करने का मामला दफ्तरी कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि ड्राइविग लाइसेंस जारी करने के मामले में दफ्तरी कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। दूसरी आरटीए पटियाला को भी इस मामले संबंधी जानकारी नहीं है, पर वह इस मामले की पड़ताल करवाने की बात बोल रहे हैं।
क्या है मामला
बता दें कि साल 2017 में यहां आरटीए दफ्तर की ओर से समाना की दर्दी कॉलोनी निवासी हरविदर सिंह के नाम पर ड्राइविग लाइसेंस जारी किया गया। जारी हुए लाइसेंस से संबंधित सभी दस्तावेज फर्जी बताए जा रहे हैं। हालांकि इस मामले की शिकायत पिछले समय में आरटीए दफ्तर के अधिकारियों को भी की जा चुकी है। पर दफ्तर की ओर से इस मामले की पड़ताल तक नहीं की गई। जिसके चलते यह मामला कोर्ट में पहुंचा क्योंकि एक आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा इस मामले को कोर्ट तक पहुंचाया गया। इसके अलावा भी ड्राइविग लाइसेंस से संबंधित विभिन्न मामले सामने आ चुके हैं, पर आरटीए दफ्तर इन मामलों पर कार्रवाई के नाम पर चुप बैठा है।
जागरण ने उठाया था मुद्दा
जानकारी अनुसार फर्जी दस्तावेजों से ड्राइविग लाइसेंस जारी करने के मामले को दैनिक जागरण द्वारा उठाया जा चुका है। बाद में इस मामले की आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा माडल टाउन थाना में शिकायत की गई पर अब तक इस मामले पर पुलिस कार्रवाई न के समान है। इसके चलते आरटीआई एक्टिविस्ट को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा। अब इस मामले पर कार्रवाई के मकसद से आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा कोर्ट केस दर्ज किया गया। सके तहत कोर्ट द्वारा दफ्तर के एक स्टैनो, 2 कलर्क व पूर्व एटीओ का समन किए गए हैं।
एटीओ कर रहे बठिडा में काम
सूत्रों अनुसार आरटीए दफ्तर की ओर से कोर्ट समन को लेकर कोर्ट को रिप्लाई भी किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि आरटीए दफ्तर ने कहा है कि पूर्व एटीओ मौजूदा समय में बठिडा दफ्तर में काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक क्लर्क पिछले समय में रिटायर हो चुका है। अब पीछे एक क्लर्क ओर स्टैनो बचे हैं। मामले की पड़ताल में ही इस मामले की सच्चाई सामने आएगी कि कौन कर्मचारी व एजेंट इस मामले के जिम्मेदार हैं।