शराब पर लगा कोरोना टैक्स, अवैध तस्करी से कारोबार बना गले की फांस
पटियाला लॉकडाउन के प्रतिबंधों से शराब की बिक्री न बढ़ने के कारण शराब ठेकेदार परेशान हैं।
संजय वर्मा, पटियाला
लॉकडाउन के प्रतिबंधों से शराब की बिक्री न बढ़ने के कारण शराब ठेकेदार परेशान हैं। अवैध शराब की तस्करी, मैरिज पैलेस, होटल और अहाते न खुलने के कारण शराब कारोबार गले की फांस बन चुका है। तय कोटे के भुगतान बिना ठेका बीच में छोड़ा नहीं जा सकता, ऐसे में ठेकेदार एक बार फिर सरकारी मदद के इंतजार में हैं। जानकारी के मुताबिक पिछले सीजन के मुताबिक इसी समय शराब की बिक्री में 25 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।
होटल इंडस्ट्री, रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस और अहाते आदि न खुलने के कारण शराब की बिक्री पीक पर नहीं पहुंची है। लॉकडाउन के दौरान दुकानों के किराए, मुलाजिमों का वेतन उपर से सरकारी फीस कारण कारोबारियों को घाटा हो रहा है।
पटियाला जिले में 17 मई से ठेके खोलने की इजाजत मिली। 56 दिनों के बाद ठेके खुलने के बाद शराब की बिक्री की चिता ठेकेदारों के सामने थी। गुटबंदी होने के कारण ठेकेदारों में आपसी तालमेल तो नहीं हुआ, लेकिन अधिकतर होटल इंडस्ट्री, रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस और अहाते खोलने की मांग कर रहे हैं।
शराब पर कोरोना टैक्स लगा, आज चार ठेकों के टेंडर हुए
संकट में शराब कारोबार के कारण पटियाला के कई ठेकों की आज तक नीलामी नहीं हो पाई है। सोमवार को एक्साइज आफिस में चार ठेकों के टेंडर 15 फीसदी कम रेट पर जारी किये गए। तीन ठेके एक पार्टी मंगल राय के खाते में गए। मई के अंत तक ठेके अलॉट न होना जाहिर करता है कि शराब कारोबार किस स्थिति में हैं। आज ठेके अलॉट करते हुए शराब पर कोरोना टैक्स लगाया गया। देशी शराब की बोतल पर पांच रुपये, बीयर पर दस रुपये और अंग्रेजी शराब की बोतल पर दस रुपए टैक्स लगाया गया। मुनाफे का सौदा नहीं लेकिन मजबूरी है
पिछले लंबे समय से शराब कारोबार से जुड़ा होने के कारण घाटा सह कर भी शराब कारोबार करना मजबूरी है। बीच मे ठेके छोड़ नहीं सकते। सरकार को रेवेन्यू पूरा देना पड़ता है न देने की सूरत में ठेकेदार डिफाल्टर हो सकता है और फिर ट्रेड में आना मुश्किल है। अब तो सरकार से मांग है कि होटल इंडस्ट्री, रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस और अहातों को खोल दिया जाए। लेबर बाहर पलायन करने कारण भी देशी शराब की बिक्री कम हुई है।
मंगत राय, शराब कारोबारी।
अवैध शराब की सप्लाई सिरदर्द
लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेके तो बंद रहे, लेकिन अवैध शराब की सप्लाई होती रही। चंडीगढ़, हरियाणा से सटा होने के कारण पटियाला जिले को अधिक नुकसान हुआ। एक्साइज विभाग की तरफ से कोई चेकिग नहीं थी। बंद के दौरान दुकानों के किराए, मुलाजिमों का वेतन देते रहे, लेकिन राहत के नाम पर सरकार ने कुछ नहीं किया। अब अगर मैरिज पैलेस, होटल खुल भी जाते हैं तो मेहमानों की संख्या तय होने कारण शराब की खपत बढ़ने की उम्मीद नहीं।
-गुरमन राय, शराब कारोबारी पटियाला में ठेके बंद नहीं हुए
पटियाला जिले में शराब का कोई ठेका बंद नहीं हुआ। कोरोना संकट के कारण आर्थिक संकट अगर किसी के सामने आता है तो उसका केस डिपार्टमेंट की हाईपावर कमेटी के पास जाएगा। इस कमेटी में आला अधिकारी मेंबर है जो केस के रिव्यू के बाद ही कोई फैसला लेंगे।
-उपकार सिंह, एईटीसी