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शाही शहर में रियल एस्टेट के कलेक्टर रेट्स कम होने के आसार

पटियाला लंबे समय से घाटे में चल रहा प्रॉपर्टी के कारोबार को ऊपर उठाने के लिए जिला प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 12:29 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 06:07 AM (IST)
शाही शहर में रियल एस्टेट के कलेक्टर रेट्स कम होने के आसार
शाही शहर में रियल एस्टेट के कलेक्टर रेट्स कम होने के आसार

बलविदरपाल सिंह, पटियाला

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लंबे समय से घाटे में चल रहा प्रॉपर्टी के कारोबार को ऊपर उठाने के लिए जिला प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। जिसके बाद कलेक्टर रेट कम होने के आसार बन रहे हैं। जमीनी कलेक्टर रेट को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने तहसीलदारों से बैठक कर ली है। सूत्र बताते है कि मीटिग में तहसीलदारों को कलेक्टर रेट से संबंधित एतराज और परामर्श मांगे गए है। कलेक्टर रेट संबंधी फिर से तहसीलदार व प्रशासनिक अधिकारियों में बैठक होगी। जिसमें इस मुद्दे पर फैसला होगा। नई कॉलोनियों के लिए कलेक्टर रेट फिक्स करने का प्रपोजल रखा

पटियाला सब रजिस्ट्रार दफ्तर ने जहां जमीनी कलेक्टर रेट में किसी प्रकार का कोई बदलाव न करने का सुझाव दिया है। वहीं दूसरी ओर अधिकारियों ने नई बनी कॉलोनियों का कलेक्टर रेट फिक्स करने का प्रपोजल प्रशासन के समक्ष रखा है। मीटिग में अधिकारियों ने सब-रजिस्ट्रार दफ्तर को नई कॉलोनियों का पूरा डाटा एकत्रित करने को कहा है। अगले हफ्ते होने वाली मीटिग में इन कॉलोनियों के कलेक्टर रेट फिक्स कर दिए जाएंगे। मौजूदा समय में हो रही 50 रजिस्ट्रियां

प्रॉपर्टी का कारोबार काफी गिर चुका है। वहीं, कोरोना संकट के चलते यह कारोबार काफी घाटे का सौदा बन चुका है। तहसील दफ्तर में मौजूदा समय में 50 रजिस्ट्रियां हो रही हैं। जबकि पिछले समय में 100 से ज्यादा रजिस्ट्रियां होती थी। रजिस्ट्रियां कम होने का एक कारण यह भी है कि सरकार ने ब्लड रिलेशन वाली रजिस्ट्रियों पर पाबंदी लगा रखी है। जिसका असर सीधा-सीधा तहसील दफ्तर के कामकाज पर पड़ा है।

कोट्स

प्रापर्टी का कारोबार मौजूदा समय में घाटे में चल रहा है। कोरोना संकट के चलते कोई भी व्यक्ति पैसे खर्च करने को तैयार नहीं। जिसका नुकसान प्रॉपर्टी कारोबारियों को उठाना पड़ा रहा है। कलेक्टर रेट कम होने चाहिए, ताकि कारोबार में तेजी आ सके।

----सुरिदरपाल सिंह, प्रापर्टी कारोबारी जमीनी कलेक्टर रेट कम होने चाहिए। प्रॉपर्टी का कारोबार लंबे समय से घाटे में जा रहा है। अगर कलेक्टर रेट कम होंगे, कारोबार में तेजी होने की संभावना भी बनेगी। इस लिए जरूरी है कि बढ़ाने की जगह कम करने चाहिए।

---गुरविदरपाल सिंह, प्रॉपर्टी कारोबारी

कोट्स

---नई बनी कॉलोनियों के क्लेक्टर रेट फिक्स करने की प्रपोजल प्रशासन के पास रखी गई है। अगले सप्ताह की मीटिग में इन कॉलोनियों के क्लेक्टर रेट तय होंगे। वहीं, दूसरी ओर बाकी कलेक्टर रेट में किसी प्रकार का बदलाव न करने का सुझाव भी दिया गया।

---संजीव कुमार, सब-रजिस्ट्रार


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