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Chandigarh News: पटियाला म्युनिसिपल इंजीनियर को झूठी शिकायत में फंसाने की देता था धमकी

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पटियाला के म्यूनिसिपल इंजीनियर बलदेव राज वर्मा की शिकायत पर खरड़ के गूगा माडी कालोनी निवासी लाल चंद बंसल को 5 लाख रूपए के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपित शिकायतकर्ता को धमकी देकर जबरन पैसे वसूल कर रहा था।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Tue, 31 Jan 2023 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 10:13 PM (IST)
Chandigarh News: पटियाला म्युनिसिपल इंजीनियर को झूठी शिकायत में फंसाने की देता था धमकी
पटियाला म्युनिसिपल इंजीनियर को झूठी शिकायत में फंसाने की देता था धमकी

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो ।  पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पटियाला के म्यूनिसिपल इंजीनियर बलदेव राज वर्मा की शिकायत पर खरड़ के गूगा माडी कालोनी निवासी लाल चंद बंसल को 5 लाख रूपए के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपित शिकायतकर्ता को धमकी देकर जबरन पैसे वसूल कर रहा था। विजीलेंस ब्यूरो की टीम ने आरोपित को पकड़ने के लिए जाल बिछाया, लाल चंद को दो सरकारी गवाहों की हाजिरी में टीडीआई कालोनी खरड़ के पास से गिरफ्तार किया गया। ब्यूरो ने मोहाली विजिलेंस थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 384 के तहत मामला दर्ज किया है।

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5 लाख रुपए देने का झूठा वादा किया

बलदेव राज वर्मा ने आरोप लगाया है कि आरोपित बंसल यह धमकी देता था कि वह ब्यूरो के पास वर्मा की झूठी शिकायत देकर उसे फंसा देगा। शिकायत वापस लेने के बदले उससे 2 करोड़ रुपए की मांग कर रहा है, जिसमें से 50 लाख रुपए नकद और 1.50 करोड़ रुपए की जायदाद देने की मांग कर रहा है। शिकायतकर्ता अधिकारी ने इस संबंधी सारी बातचीत रिकार्ड कर विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी। आरोपित को टोकन मनी के तौर पर 5 लाख रुपए देने का झूठा वादा किया है। शिकायतकर्ता ने यह भी दोष लगाया है कि इससे पहले आरोपित लाल चंद बंसल ने उसके खिलाफ साल 2015 और 2017 में भी दो शिकायतें दर्ज करवाई थीं, परन्तु विजिलेंस ब्यूरो ने पड़ताल के बाद में दोनों शिकायतें दफ्तर दाखिल कर दी थी।

पुलिस में पहले भी धोखाधड़ी के कई मुकदमें दर्ज किये थे 

आरोपित की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने उसके घर की तलाशी ली, जिस दौरान 70 के करीब फाइलें, अलग-अलग दस्तावेज और नोट गिनने वाली मशीन के अलावा एक लैपटाप भी बरामद किया। जिसमें अलग-अलग सरकारी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायतों संबंधी डिजिटल फाइलें हैं। पुलिस की ओर से पहले भी उसके विरुद्ध धोखाधड़ी के दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे।

प्राथमिक जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपित सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध आरटीआई और शिकायतें दर्ज करवाता था और बाद में वह संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कोई जांच, शिकायत ना करवाने संबंधी घोषणा पत्र देकर ऐसी शिकायतें वापस ले लेता था। पहले भी आरोपित ने नगर काउंसिल खरड़ में घोषणा पत्र दिया था कि वह शिकायतकर्ता बलदेव राज वर्मा के खिलाफ आरटीआई के तहत कोई जानकारी नहीं चाहता।


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