किसानों ने इमीग्रेशन कंपनी की मैनेजर को घेरा
पैसे नहीं लौटाने पर किसानों ने इमीग्रेशन कंपनी की मैनेजर को घेर लिया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : कनाडा भेजने के नाम पर लगाई अर्जी रद होने के बाद पैसा वापस नहीं मिला तो एक पीड़ित ने किसान यूनियन के साथ मिलकर इमीग्रेशन कंपनी की मैनेजर को घेर लिया। यह ब्रांच मैनेजर आइलेट्स के पेपर संबंधी रविवार को सरहिद रोड स्थित एक होटल में पहुंची थी। पीड़ित अवतार सिंह निवासी गांव ढकड़बा, पटियाला के साथ भारतीय किसान यूनियन के सदस्य भी पहुंच गए। पैसे वापस लौटाने की मांग करने पर होटल के हॉल में हंगामा हो गया, जिसके बारे में सूचना मिलते ही थाना त्रिपड़ी से पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसआइ हरमीत सिंह की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने लिखित में समझौता किया। जिसमें इमीग्रेशन कंपनी की मैनेजर ने एक महीने के अंदर कैश या चेक के जरिए पेमेंट करने की बात मंजूर कर ली। अवतार सिंह ने बताया कि करीब दो लाख रुपये उन्होंने कंपनी को जमा करवाए थे, जिसे वापिस लेने के लिए उन्हें धक्के खिलवाए जा रहे हैं।
ये है मामला : अवतार सिंह ने बताया कि उसके बेटे हरिहर सिंह ने आइलेट्स में अच्छे बैंड हासिल किए थे। जिसके बाद इन लोगों ने चंडीगढ़ स्थित उक्त लोगों की इमीग्रेशन कंपनी के पास फाइल लगाई थी ताकि वह कनाडा जा सके। कंपनी को कुछ पैसा कैश दिया था तो बाकी पैसा फीस के तौर पर जमा करवाई थी। कंपनी ने फाइल सही तरीके से नहीं लगाई, जिस वजह से फाइल रिजेक्ट हो गई। रिजेक्ट के बाद जमा करवाई फीस तो वापस लौटा दी, लेकिन कैश नहीं लौटा रहे थे। यह साल 2017 की बात है, जिसके बाद बेटे की फाइल किसी अन्य कंपनी के जरिए लगवाई तो दिसंबर 2018 को बेटा विदेश चला भी गया। तभी से वह लगातार उक्त लोगों के आफिस में जाकर पैसा लौटाने की मांग कर रहे थे। यह लोग लगातार टालमटोल करने लगे तो रविवार को भारतीय किसान यूनियन डकौंदा की मदद से कंपनी की ब्रांच मैनेजर के पास जाकर पैसे वापिस मांगे थे। यहां पर अवतार सिंह के साथ गुरमेल सिंह, नरिदर सिंह, सुखबीर सिंह सहित अन्य मेंबर मौजूद थे।
कोट्स
एसआइ हरमीत सिंह मौके पर गए थे, यहां पर दोनों पार्टियों ने आपस में लिखित समझौता कर लिया है। इस वजह से कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई है।
हरजिंदर सिंह ढिल्लों, इंचार्ज थाना त्रिपड़ी
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