दम तोड़ रही इंडस्ट्री सेक्टर को रहत की उम्मीद
जागरण संवाददाता. पटियाला : इंडस्ट्री सेक्टर को लेकर पिछले 15 सालों में कोई बड़ी राहत
जागरण संवाददाता. पटियाला : इंडस्ट्री सेक्टर को लेकर पिछले 15 सालों में कोई बड़ी राहत नहीं मिली है। विदेशी कंपनियों के साथ बड़ी-बड़ी मी¨टग की जा चुकी हैं लेकिन अभी तक बड़ी कंपनी ने पंजाब में कदम नहीं रखा है। मौजूदा समय में इंडस्ट्री की हालत बेहद खराब है। इसे बचाने के लिए विशेष पैकेज की जरूरत है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने सरकार के नए सेशन के बजट को लेकर काफी उम्मीदें जताई हैं। पटियाला जिले की इंडस्ट्री को पिछले लंबे समय से कोई बड़ी राहत नहीं मिल पाई है इसके चलते कई इंडस्ट्री बंद हो चुकी हैं। यहां तक की प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद फोकल प्वाइंट की कई फैक्ट्रियों को नुक्सान हुआ है। ऐसे में इंडस्ट्री से जुडे़ लोगों ने सरकार से फोकल प्वाइंट एरिया को बेहतर तरीके से डवलपमेंट करने की उम्मीद जताई है। बिजली के दामों पर लगे लगाम : गोयल
इंडस्ट्रियलिस्ट संजीव गोयल ने कहा कि बिजली के दामों को लेकर सरकार ने घोषणा की थी कि पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलेगी। यह दाम किन फैक्ट्रियों पर लागू करने हैं, यह अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। जिसके चलते अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पुरानी व नई फैक्ट्रियों को बिजली के दाम कम रेट से दिए जाएं। साथ ही इन बिलों में टैक्स के नाम पर लूट नहीं होनी चाहिए। फैक्ट्रियों में बिजली बिल एक लाख से 12 लाख रुपये तक आते हैं। ऐसे में टैक्स लगने पर अचानक वित्तीय बोझ बढ़ जाता है। फैक्ट्रियों को लेकर सुविधा के लिए बेहतर नीति बने : संजीव
मैण रोड स्थित पेपर मिल के मालिक संजीव कुमार ने कहा कि फैक्ट्रियों को चलाने के लिए मौजूदा समय में मैनेजमेंट को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। नोटबंटी हो या जीएसटी दोनों ही फैसलों के बाद बिजनेस की रफ्तार रुक गई थी जिसे संभालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बिजली, एनओसी जैसे नियमों के अलावा ऐसे अचानक लिए फैसलों को लागू करने से पहले फैक्ट्रियों की सुविधा के लिए मजबूत नीति बनानी चाहिए ताकि फैक्ट्रियों का काम प्रभावित न हो। सरकारी नियमों के नाम से परेशान कम करें : ¨सगला
फोकल प्वाइंट के इंडस्ट्रियलिस्ट अशोक ¨सगला ने कहा कि सरकारी नियमों के नाम पर अक्सर फैक्टरी के मालिकों को परेशान किया जाता है। ऐसी परेशानियों से बचाने के लिए सरकार के पास एक अलग टीम व बेहतर नीति होनी चाहिए। नई फैक्टरी लगाने के लिए कागजी प्रक्रिया आसान करने की घोषणाओं को लागू करने के साथ-साथ इसे आसान बनाएं। यही नहीं पहले से चल रही फैक्ट्रियों के लिए भी राहत देने वाली योजना होनी चाहिए ताकि देश व विदेश में डी¨लग करते समय सरकारी नियम अड़ंगा न बनें।