नाइट स्टे भले होटल में किया, लेकिन खाना वर्कर के घर का ही खाया
भारतीय जनता पार्टी के वर्करों ने स्व. सुषमा स्वराज के साथ बिताए अपने अनुभवों को याद किया।
सुरेश कामरा, पटियाला : भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता व पूर्व विदेश राज्यमंत्री सुषमा स्वराज जहां भी जाती थीं, वे अपनी पार्टी के वर्करों का खास ध्यान देते हुए उनके साथ ही समय गुजारने को तरजीह देती थीं। इसके साथ ही वह वर्करों के साथ सादा भोजन करती थीं। उनकी इस सादगी भरे जीवन की यादों को ताजा करते हुए पटियाला के भाजपा वर्कर उनको याद कर रहे हैं।
भाजपा के ट्रेड सैल के प्रदेश प्रधान भूपेश अग्रवाल बताते हैं कि उनको 1997 के चुनाव के दिन आज भी याद हैं जब सुषमा स्वराज पटियाला में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए आयी थीं तो उन्होंने उनके घर में न केवल कुछ समय गुजारा बल्कि उन्होंने वहां पर खाना भी खाया। चूंकि वह शूगर की मरीज थीं तो उन्होंने मिस्सी रोटी, दहीं व सादा भोजन ही खाया वे भूपेश को अपना छोटा भाई कहती थीं। भूपेश उनके साथ दिल्ली से वृंदावन तक भी सफर करने गए थे जिसके दौरान उन्होंने एक साथ कई मंदिरों में जाकर माथा और बांके बिहारी का आशीर्वाद हासिल किया ।
इसी तरह ही भाजपा के सीनियर नेता त्रिभुवन गुप्ता बताते है कि चुनाव के दौरान पटियाला में प्रचार करने आई सुषमा स्वराज ने एक रात यहां होटल में स्टे किया था। इस दौरान उन्होंने पार्टी वर्करों के साथ जहा एक पार्टी वर्कर के घर पर मीटिग की तो डिनर भी वहीं किया। अगले दिन भी सुषमा स्वराज ने होटल का खाना खाने से मना करते हुए वर्कर के घर से खाना खाने की इच्छा जाहिर की तो तब बी-टैंक वासी भाजपा वर्कर राजिदर मित्तल के घर से मिस्से परांठे व दही का खाना मंगवाया गया।
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