बिट्टू का हत्यारोपित गुरसेवक कत्ल से पहले था पैरोल पर
नाभा/पटियाला नाभा जेल में डेरा अनुयायी महिदरपाल बिट्टू की हत्या का मुख्य आरोपित गुरसेवक सिंह जोकि साल 2014 में एक हत्या के मामले में उम्रकैद काट रहा है वह 8 सप्ताह की छुट्टी के बाद बीती मई में जेल लौटा था। जेल सूत्रों ने बताया कि गुरसेवक सिंह ने नाभा जेल में बहुत कम समय बिताया है।
यादविदर गर्गस, नाभा/पटियाला
नाभा जेल में डेरा अनुयायी महिदरपाल बिट्टू की हत्या का मुख्य आरोपित गुरसेवक सिंह, जोकि साल 2014 में एक हत्या के मामले में उम्रकैद काट रहा है, वह 8 सप्ताह की छुट्टी के बाद बीती मई में जेल लौटा था। जेल सूत्रों ने बताया कि गुरसेवक सिंह ने नाभा जेल में बहुत कम समय बिताया है, उसे नवंबर 2018 में पटियाला सेंट्रल जेल से नई नाभा जेल में स्थानांतरित किया गया था। महिदरपाल बिट्टू को उसी जेल में भेजे जाने से दो माह पहले बिट्टू को जनवरी 2019 में नाभा जेल में भेज गया था।
सूत्रों के अनुसार कत्ल के दूसरे आरोपित मनिदर सिंह ने बिट्टू की हत्या में वही तरीका इस्तेमाल किया था, जो उसने कथित रूप से साल 2015 में सेवानिवृत्त फौजी की हत्या के लिए इस्तेमाल किया था। मनिदर ने 7-8 आरोपितों के साथ मिलकर साल 2015 में एक सेवानिवृत्त फौजी के सिर पर लोहे की रॉड से प्रहार कर कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी थी। उसी प्रकार आरोपितों ने बिट्टू को मारने के लिए जेल की सलाखों में से लोहे की छड़ें निकालीं व कथित रूप से बिट्टू के सिर पर दे मारी। इससे जेल के कर्मचारियों की सतर्कता पर सवाल उठता है, क्योंकि जेल गेट से लोहे की छड़ें काटने में काफी समय लगा होगा।
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गिरफ्तारी से पहले लौहार का काम करता था मनिदर
2015 में गिरफ्तार होने से पहले फतेहगढ़ साहिब में मनिदर सिंह गांव में लोहे की दुकान पर काम करता था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि लौहार के काम करने के अनुभव को उसने सलाखें काटने में इस्तेमाल किया।