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फर्जीवाड़ा कर बैंक कलर्क बनने वाले पर केस दर्ज

छह साल पहले अपनी जगह किसी अन्य को बैंक क्लर्क का पेपर दिलवाने के बाद नौकरी हासिल करने वाले नीरज कुमार के खिलाफ थाना लाहौरी गेट पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Mar 2018 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 01:45 PM (IST)
फर्जीवाड़ा कर बैंक कलर्क बनने वाले पर केस दर्ज
फर्जीवाड़ा कर बैंक कलर्क बनने वाले पर केस दर्ज

जागरण संवाददाता, पटियाला

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छह साल पहले अपनी जगह किसी अन्य को बैंक क्लर्क का पेपर दिलवाने के बाद नौकरी हासिल करने वाले नीरज कुमार के खिलाफ थाना लाहौरी गेट पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। यह मामला स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के पूर्व एजीएम सु¨रदर कुमार शर्मा की शिकायत पर दर्ज हुआ है। नीरज कुमार निवासी महसोरपुर, जिला वैशाली बिहार का रहने वाला है, जिसने आत्मा राम कुमार सभा स्कूल में 19 अक्टूबर 2012 को पेपर देना था। अपनी जगह पर नीरज ने किसी दोस्त को भेज दिया, जिसने बैंक क्लर्क के इस पेपर को पास कर लिया। पास होने के बाद नीरज की पोस्टिंग पटियाला सहित अन्य जगह पर हुई थी। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में सु¨रदर शर्मा की शिकायत पर नीरज के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच अधिकारी एएसआइ माल¨वदर ¨सह ने कहा कि इस मामले में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला ने एसएसपी को लेटर लिखा था,जहां से एसपी को जांच सौंपी गई थी। पड़ताल के बाद ईओ ¨वग ने रिपोर्ट तैयार की और डीए लीगल की राय के बाद केस दर्ज हुआ है। फिलहाल इस केस की फाइल उन्हें नहीं मिली है, फाइल पढ़ने के बाद पूरी जानकारी दे पाएंगे।

बैंक प्रबंधकों को शिकायत पहुंची तो त्यागपत्र दिया था आरोपित ने

जानकारी के अनुसार नीरज कुमार के इस फर्जीवाड़े का खुलासा तीन साल के बाद हुआ था। बैंक के सीनियर अधिकारियों को गुप्त रूप से शिकायत मिली थी, जिसकी पड़ताल पहले बैंक मैनेजमेंट ने की थी। इस पड़ताल के दौरान ही नीरज ने खुद को फंसता हुआ देखा तो वह तुरंत त्यागपत्र देकर रफू चक्कर हो गया था। बावजूद इसके मैनेजमेंट ने अपनी पूरी जांच के बाद रिपोर्ट हेड आफिस पटियाला को सौंपी थी, जहां से एसएसपी को लेटर लिख एफआइआर दर्ज करवाई गई है। मामला दर्ज करवाने वाले एजीएम सु¨रदर शर्मा ने कहा कि मामला बहुत पुराना है, उस समय वह डिपार्टमेंट के हेड थे। रिपोर्ट मिलने के बाद उन्होंने पुलिस कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों को लिखा था। हेड होने के नाते उन्होंने यह कार्रवाई करवाई थी लेकिन अब उनका ट्रांसफर हो चुका है। ऐसे में वह कोई बयान या ज्यादा जानकारी नहीं दे पाएंगे।


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